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वकीलों ने आईसीसी से उइगरों के खिलाफ कथित अपराधों की जांच का किया आग्रह - आईसीसी

वकीलों के एक समूह ने उइगरों के खिलाफ कथित अपराधों की जांच का आग्रह किया है. इस संबंध में एक डोजियर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत में अभियोजकों के समक्ष पेश किया.

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Published : Jun 10, 2021, 6:15 PM IST

द हेग : वकीलों के एक समूह ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (International Criminal Court) में अभियोजकों को साक्ष्यों का एक डोजियर पेश किया. वकीलों ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि वैश्विक अदालत को उन आरोपों की जांच करने का अधिकार है कि चीन मुस्लिम जातीय समूह उइगर (Uyghurs) को निशाना बनाते हुए गंभीर अपराधों में शामिल रहा है.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार वकील चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचारों के आरोपों की हेग स्थित अदालत से जांच शुरू करने का अनुरोध कर रहे हैं और यह ताजा कवायद इसी का हिस्सा है. चीन इस अदालत का सदस्य नहीं है.

वकील ने एक बयान में कहा कि उनके डोजियर में यह बात स्थापित होती है कि 'उइगरों को निशाना बनाया गया, जबरन बंदी बनाया गया और ताजिकिस्तान से चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में प्रत्यर्पण किया गया.'

जांच की मांग

उन्होंने दलील दी कि 'चीन के प्राधिकारियों ने ताजिकिस्तान में सीधा हस्तक्षेप किया. अत: आईसीसी के पास इन कार्रवाइयों पर सुनवाई करने का अधिकार है जो ताजिकिस्तान में शुरू हुई और चीन में जारी है' और उन्होंने आईसीसी अभियोजकों से 'बिना किसी देरी' के इसकी जांच करने के लिए कहा.

वकीलों ने कहा कि उनकी रिपोर्ट आईसीसी सदस्य ताजिकिस्तान समेत विभिन्न देशों में गवाहों के बयान और जांच पर आधारित है.

पढ़ें- चीन में इन मुद्दों का सामना कर रहे हैं उइगर मुसलमान

अपनी रिपोर्ट के आधार पर वकीलों ने कहा, 'यह साफ है कि आईसीसी के पास जांच शुरू करने का अधिकार है.'

(पीटीआई-भाषा)

द हेग : वकीलों के एक समूह ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (International Criminal Court) में अभियोजकों को साक्ष्यों का एक डोजियर पेश किया. वकीलों ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि वैश्विक अदालत को उन आरोपों की जांच करने का अधिकार है कि चीन मुस्लिम जातीय समूह उइगर (Uyghurs) को निशाना बनाते हुए गंभीर अपराधों में शामिल रहा है.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार वकील चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचारों के आरोपों की हेग स्थित अदालत से जांच शुरू करने का अनुरोध कर रहे हैं और यह ताजा कवायद इसी का हिस्सा है. चीन इस अदालत का सदस्य नहीं है.

वकील ने एक बयान में कहा कि उनके डोजियर में यह बात स्थापित होती है कि 'उइगरों को निशाना बनाया गया, जबरन बंदी बनाया गया और ताजिकिस्तान से चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में प्रत्यर्पण किया गया.'

जांच की मांग

उन्होंने दलील दी कि 'चीन के प्राधिकारियों ने ताजिकिस्तान में सीधा हस्तक्षेप किया. अत: आईसीसी के पास इन कार्रवाइयों पर सुनवाई करने का अधिकार है जो ताजिकिस्तान में शुरू हुई और चीन में जारी है' और उन्होंने आईसीसी अभियोजकों से 'बिना किसी देरी' के इसकी जांच करने के लिए कहा.

वकीलों ने कहा कि उनकी रिपोर्ट आईसीसी सदस्य ताजिकिस्तान समेत विभिन्न देशों में गवाहों के बयान और जांच पर आधारित है.

पढ़ें- चीन में इन मुद्दों का सामना कर रहे हैं उइगर मुसलमान

अपनी रिपोर्ट के आधार पर वकीलों ने कहा, 'यह साफ है कि आईसीसी के पास जांच शुरू करने का अधिकार है.'

(पीटीआई-भाषा)

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