रोम : साल 2020 को अलविदा कहने के बाद अब नए साल 2021 में दुनिया को कोविड-19 महामारी से मुक्ति मिलने की उम्मीद है. बीते साल महामारी के कारण अरबों लोग मुश्किलें और पीड़ा झेलने को मजबूर हुए.
रोम के बाहरी इलाके में स्थित कैसलपालोको कोविड 3 अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों को नए साल के दिन भी शायद ही फुर्सत मिल पाई क्योंकि वे अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के परिणामस्वरूप गंभीर बीमारी से जूझ रहे 100 रोगियों की देखभाल में जुटे रहे.
एक गहन देखभाल वार्ड में चिकित्सा कर्मियों ने मंद रोशनी वाले कमरे में भर्ती मरीजों की जांच की, दवा खिलाई, श्वसन यंत्रों की जांच की और मेडिकल रिकॉर्ड में उसका विवरण भरा. रात्रि पाली समन्वयक डॉ. पाओलो पेट्रैसी ने कहा कि अब दुनिया भर के चिकित्सा पेशे में ऐसे कई लोगों को जाना जो, कोविड रोगियों का इलाज कर चुके हैं. रोगियों की लगातार निगरानी करना और उनकी स्थिति को संभालना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है. प्रत्येक के पास अपनी जटिल समस्याएं हैं.
दुनिया भर में कोरोना वायरस के 8.3 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 18 लाख से अधिक मौतें हुई हैं. बुजुर्गों के साथ-साथ विशेष रूप से चिकित्सा कर्मचारी इसकी चपेट में आए हैं. चिकित्सा कर्मियों को रोगियों को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा है और इस दौरान वे खुद भी इस संक्रमण के चपेट में आए हैं.
इस महामारी ने दुनियाभर में कहर बरपाया है, जिसका लगभग एक साल पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. पेट्रैसी ने द एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि यह बिल्कुल अप्रत्याशित है. इटली, यूरोप में महामारी का शुरुआती केंद्र था. उसके बाद स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और अन्य देश इसकी भयंकर चपेट में आये.
पढ़ें- फाइजर की कोरोना वैक्सीन को WHO ने दी मंजूरी, भारत ले सकता है अहम फैसला
पिछली गर्मी के बाद इटली को लग रहा था कि वह इस संकट से उबर जाएगा, लेकिन पिछले महीने वह फिर से यूरोप में सबसे ज्यादा संक्रमण से मौतों वाला देश बन गया. एक बार फिर, इटली के चिकित्सा कर्मचारियों गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ा.
पेट्रैसी ने कहा कि अब हमे इस महामारी का सामना करते हुए लगभग 12 महीने होने जा रहे हैं और दुर्भाग्य से अभी भी हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह खत्म हो गयी है. उन्होंने कहा कि हमें सामूहिक टीकाकरण की उम्मीद है, हम आशा करते हैं, इससे इस महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. यूरोपीय नियामकों ने क्रिसमस से कुछ समय पहले पहले वैक्सीन को मंजूरी दी. यूरोप के कई देशों में टीकाकरण शुरू हो चुका है.