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जलवायु परिवर्तन से विज्ञान की मदद से लड़ें : ब्रिटिश प्रधानमंत्री

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Published : Dec 13, 2020, 12:04 PM IST

संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और फ्रांस के सहयोग से वर्चुअल क्लाइमेट एंबिशन समिट में बात करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि वैज्ञानिक प्रगति का इस्तेमाल कर हम जलवायु परिवर्तन से लड़ सकते हैं.

British Pm
बोरिस जॉनसन

लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए वैज्ञानिक प्रगति का इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने इस चुनौती को 'कोरोनावायरस की तुलना में कहीं अधिक बदतर, विनाशकारी' बताया. जॉनसन ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और फ्रांस के सहयोग से वर्चुअल क्लाइमेट एंबिशन समिट में बात करते हुए यह टिप्पणी की.

बोरिस ने साल के अंतिम समय में 'वैज्ञानिक आशावाद' के एक नए युग का स्वागत किया. उन्होंने कहा, हम एक असाधारण साल के अंत में आ गए हैं, मेरे ख्याल से यह वैज्ञानिक आशावाद का अचानक आया आवेश है, क्योंकि महामारी के बमुश्किल 12 महीनों के बाद ही हम बुजुर्गों और संवेदनशील लोगों को वैक्सीन लगते देख रहे हैं.

वैज्ञानिक प्रगति का उपयोग
उन्होंने कहा, एक ऐसी चुनौती, जो कोरोना वायरस से भी कहीं अधिक बदतर और विनाशकारी है, उसका मुकाबला हम एक साथ मिलकर कर सकते हैं और हम अपने पूरे ग्रह, हमारे जैवमंडल की रक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रगति का उपयोग कर सकते हैं.

पढ़ें- देशों को जलवायु आपातकाल की घोषणा करनी चाहिए : गुटेरेस

उन्होंने कहा, हम हमारे आविष्कार की शक्ति द्वारा ग्लोबल वार्मिंग की आपदा से लड़कर पृथ्वी की रक्षा करना शुरू कर सकते हैं. इसके साथ ही हम एक ही समय में, हम हजारों, लाखों नौकरियों का सृजन कर सकते हैं और सामूहिक रूप से महामारी से उबर सकते हैं.

टेन पॉइंट प्लान का समर्थन
इस महीने की शुरुआत में जॉनसन ने घोषणा की थी कि ब्रिटेन 1990 के स्तर की तुलना में दशक के अंत तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम से कम 68 प्रतिशत कम करने के लिए प्रतिबद्ध होगा.

डाउनिंग स्ट्रीट द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस लक्ष्य को हरित औद्योगिक क्रांति के लिए टेन पॉइंट प्लान का समर्थन मिला है, जो साल 2030 तक 250,000 ब्रिटिश नौकरियों का निर्माण करेगा और ऊर्जा, परिवहन और इमारतों के माध्यम से हो रहे उत्सर्जन में उल्लेखनीय कटौती करेगा.

पेरिस समझौते को अपनाने के ठीक पांच साल बाद आयोजित वर्चुअल क्लाइमेट एंबिशन समिट का उद्देश्य पेरिस समझौते पर जलवायु परिवर्तन से निपटने और वितरित करने के लिए नई प्रतिबद्धताएं बनाना है, जिसे अगले यूएन क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस, सीओपी 26 से पहले अंजाम देना है. अगले साल ग्लासगो में इसकी मेजबानी ब्रिटेन करेगा.

पढ़ें: रूस या अमेरिका में भारत का असली दोस्त कौन?

शिखर सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन और कनाडा जैसे देशों के 70 से अधिक नेताओं के साथ-साथ व्यवसायों और नागरिक समाज को भी साथ लाया है.

15वीं बैठक की मेजबानी
ग्लासगो में आयोजित होने वाले सीओपी 26 से पहले मई, 2021 में चीन दक्षिण पश्चिम चीन में युन्नान की प्रांतीय राजधानी कुनमिंग में कॉन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (सीओपी15) पर 15वीं बैठक की मेजबानी करेगा.

लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए वैज्ञानिक प्रगति का इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने इस चुनौती को 'कोरोनावायरस की तुलना में कहीं अधिक बदतर, विनाशकारी' बताया. जॉनसन ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और फ्रांस के सहयोग से वर्चुअल क्लाइमेट एंबिशन समिट में बात करते हुए यह टिप्पणी की.

बोरिस ने साल के अंतिम समय में 'वैज्ञानिक आशावाद' के एक नए युग का स्वागत किया. उन्होंने कहा, हम एक असाधारण साल के अंत में आ गए हैं, मेरे ख्याल से यह वैज्ञानिक आशावाद का अचानक आया आवेश है, क्योंकि महामारी के बमुश्किल 12 महीनों के बाद ही हम बुजुर्गों और संवेदनशील लोगों को वैक्सीन लगते देख रहे हैं.

वैज्ञानिक प्रगति का उपयोग
उन्होंने कहा, एक ऐसी चुनौती, जो कोरोना वायरस से भी कहीं अधिक बदतर और विनाशकारी है, उसका मुकाबला हम एक साथ मिलकर कर सकते हैं और हम अपने पूरे ग्रह, हमारे जैवमंडल की रक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रगति का उपयोग कर सकते हैं.

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उन्होंने कहा, हम हमारे आविष्कार की शक्ति द्वारा ग्लोबल वार्मिंग की आपदा से लड़कर पृथ्वी की रक्षा करना शुरू कर सकते हैं. इसके साथ ही हम एक ही समय में, हम हजारों, लाखों नौकरियों का सृजन कर सकते हैं और सामूहिक रूप से महामारी से उबर सकते हैं.

टेन पॉइंट प्लान का समर्थन
इस महीने की शुरुआत में जॉनसन ने घोषणा की थी कि ब्रिटेन 1990 के स्तर की तुलना में दशक के अंत तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम से कम 68 प्रतिशत कम करने के लिए प्रतिबद्ध होगा.

डाउनिंग स्ट्रीट द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस लक्ष्य को हरित औद्योगिक क्रांति के लिए टेन पॉइंट प्लान का समर्थन मिला है, जो साल 2030 तक 250,000 ब्रिटिश नौकरियों का निर्माण करेगा और ऊर्जा, परिवहन और इमारतों के माध्यम से हो रहे उत्सर्जन में उल्लेखनीय कटौती करेगा.

पेरिस समझौते को अपनाने के ठीक पांच साल बाद आयोजित वर्चुअल क्लाइमेट एंबिशन समिट का उद्देश्य पेरिस समझौते पर जलवायु परिवर्तन से निपटने और वितरित करने के लिए नई प्रतिबद्धताएं बनाना है, जिसे अगले यूएन क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस, सीओपी 26 से पहले अंजाम देना है. अगले साल ग्लासगो में इसकी मेजबानी ब्रिटेन करेगा.

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शिखर सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन और कनाडा जैसे देशों के 70 से अधिक नेताओं के साथ-साथ व्यवसायों और नागरिक समाज को भी साथ लाया है.

15वीं बैठक की मेजबानी
ग्लासगो में आयोजित होने वाले सीओपी 26 से पहले मई, 2021 में चीन दक्षिण पश्चिम चीन में युन्नान की प्रांतीय राजधानी कुनमिंग में कॉन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (सीओपी15) पर 15वीं बैठक की मेजबानी करेगा.

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