लंदन : शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के रक्त में प्रोटीन की पहचान की है जो रोग की गंभीरता से जुड़े हैं. इससे बीमारी के बारे में जानकारी मिल सकती है.
ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित अन्य वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस, SARS CoV-2 संक्रमण के प्रति लोगों के शरीरों में बहुत अलग-अलग प्रतिक्रिया देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ रोगियों में कोरना के कोई लक्षण विकसित नहीं होते हैं, वहीं अन्य बहुत बीमार हो सकते हैं और मर भी सकते हैं.
जर्नल सेल सिस्टम्स में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कोरोना रोगियों में प्लाज्मा नामक रक्त घटक का 'बायोमार्कर' के रूप में आकलन किया जो रोग की प्रगति और गंभीरता का अनुमान लगाने का एक विश्वसनीय तरीका प्रदान कर सकता है.
यूके में फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के मार्कस रालसर के नेतृत्व में वैज्ञानिक अत्याधुनिक विश्लेषणात्मक तकनीकों का उपयोग करके कोरोना रोगीयों के रक्त के नमूनों के प्लाज्मा घटक में विभिन्न प्रोटीनों के स्तर का तेजी से पता लगा सकते हैं.
अत्याधुनिक विश्लेषणात्मक तकनीकों से कुछ कोरोना मरीजों के खुन में ऐसे प्रोटीन बायोमार्कर मिले हैं जो बिमारी की मंभीरता से जुड़े हुए हैं.
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 31 पुरुषों और महिलाओं के प्लाज्मा के नमूनों का विश्लेषण किया जो कोरोना का इलाज करा रहे थे. उन्होंने रोगियों के रक्त में 27 प्रोटीनों के बारे में पता लगाया जो रोग की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग मात्रा में थे.
अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 17 कोविड-19 रोगियों और 15 अन्य लोगों के दूसरे समूह से नमूनों का विश्लेषण करके इसकी पुष्टि की.
इन प्रोटीनों का उपयोग करके वैज्ञानिक कोरोना वायरस महामारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोडिंग मानदंडों के अनुसार रोगियों को ठीक से वर्गीकृत करने में सफल थे.
इस तरह के रक्त परीक्षण से इलाज करने वाला चिकित्सक कोरोना मरीज को होने वाली गंभीरता का अनुमान लगाने में सक्षम होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह जानकारी जान बचाने में मदद कर सकती है.
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रेलसर ने कहा कि कुछ कोरोना संक्रमितों को अपनी स्थिति की गंभीरता का पता नहीं चलता है. ऐसे में प्रोटीन बायोमार्कर जांच कर के मरीज की गंभीरता का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है.
शोधकर्ताओं के अनुसार 27 प्रोटीनों में से कुछ शरीर में सेल-सेल सिग्नलिंग अणु पर कार्य करते हैं, जिसे इंटरल्यूकिन 6 (IL-6) कहा जाता है.
उन्होंने बताया कि आईएल-6 एक प्रोटीन है जो सूजन पैदा करने के लिए जाना जाता है और यह कोरोना वायरस की गंभीरता से जुड़ा है.