संयुक्त राष्ट्रः मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख हाफिज सईद को अपने बैंक खाते से रकम निकालने की अनुमति मिल गई है. इस अनुमति के लिए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से की थी. यह अनुमति यूनएससी की एक आतंक रोधी समिति ने हाफिज के बुनियादी जरूरतों पर खर्चे के लिए दी है.
बता दें कि सईद के नेतृत्व वाला जमात उद दावा (जेयूडी) लश्करे तैयबा का मुखौटा संगठन है. आतंकी संगठन लश्करे तैयबा ने 2008 में मुंबई हमले को अंजाम दिया था जिसमें 166 लोगों की मौत हो गयी थी.
हाफिज को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्ताव के तहत आतंकवादी घोषित किया जा चुका है. संयुक्त राष्ट्र प्रावधानों के मुताबिक सभी राष्ट्रों को इस सूची में शामिल व्यक्ति की वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधन और धनराशि पर रोक लगाना होता है.
प्रस्ताव में राष्ट्रों को प्रतिबंधित व्यक्ति के मूलभूत खर्चे के लिए अनुमति देने का भी प्रावधान है, बशर्ते कि किसी को इस पर आपत्ति नहीं हो.
इस्लामिक स्टेट, अलकायदा जैसे आतंकी समूहों और संबद्ध लोगों और संगठनों के मामलों पर सुनवाई करने वाली 1267 समिति ने कहा है कि मसौदा प्रस्ताव पर विचार के लिए 15 अगस्त 2019 की तय समय सीमा तक किसी ने आपत्ति नहीं की. इसलिए पत्र मंजूर कर लिया गया और अध्यक्ष इसे भेजने के लिए सचिवालय को निर्देश देंगे.
सुरक्षा परिषद की तरफ से निर्धारित समय सीमा के भीतर किसी तरह की आपत्ति नहीं आने पर इसे मंजूरी दी गयी है. इस तरह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति प्रस्ताव ने हाफिज मोहम्मद सईद, हाजी मुहम्मद अशरफ, जफर इकबाल के मूलभूत खर्चे को लेकर रकम के वास्ते पाकिस्तानी सरकार को अधिकृत किया है.
इस्लामाबाद में, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 26 सितबंर को कहा कि सईद को यूएनएससी की ओर से बुनियादी खर्चों के लिए दी गई छूट वैश्विक निकाय की प्रक्रिया के अनुरूप है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, इस तरह की छूट यूएनएससी की 1267 प्रतिबंध समिति की स्थापित प्रक्रियाओं एवं आचरण के अनुरूप है.
पढ़ेंः हाफिज सईद के खिलाफ PAK में केस दर्ज, भारत ने बताया धोखा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सईद और अन्य ने बुनियादी खर्चों के लिए छूट देने का यूएनएससी से अनुरोध किया था. बाद में परिषद ने इसे स्वीकार कर लिया. मंत्रालय ने आगे कहा कि भारतीय मीडिया का एक धड़ा बेवजह इस मामले का राजनीतिकरण कर रहा है ताकि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समितियों के तहत उसके दायित्व को लागू करने के पाकिस्तान के प्रयासों के खिलाफ नकारात्मक छवि बनाई जा सके.