इस्लामाबाद: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद समूह के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है. इस बात की पुष्टि पाकिस्तान ने भी की है. विदेश मंत्रालय ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा 'UNSC 1267 समिति ने मौलाना मसूद अजहर को आज सूचीबद्ध किया है. इसके अंतर्गत विदेश यात्रा, और हथियारों पर प्रतिबंध लगाया गया है. परिसंपत्ति भी जब्त की जाएगी. आप जानते हैं कि मौलाना मसूद अजहर को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव कई वर्षों से प्रतिबंध समिति में विचाराधीन था.'
औपचारिक कार्रवाई पर बोलते हुए मोहम्मद फैसल ने बताया कि तीन मामलों- यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्त करना और हथियार निषेध आवश्यक है, जिसे हम करेंगे. पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश है और उचित कार्रवाई करेगा.'
हालांकि, मोहम्मद फैसल ने विश्व निकाय के इस कदम को 'भारत की जीत और उसके रुख की पुष्टि' मानने से भी इनकार किया.
फैसल ने कहा, 'पाकिस्तान कहता रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिये एक खतरा है...संरा सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा सूचीबद्ध किया जाना स्पष्ट नियमों के तहत किया जाता है और इसके फैसले सहमति से लिये जाते हैं...पाकिस्तान ने हमेशा इन तकनीकी नियमों के सम्मान की जरूरत की वकालत की है और समिति के राजनीतिकरण का विरोध किया है.'
उन्होंने कहा कि अजहर को सूचीबद्ध किये जाने के पूर्व के प्रस्ताव विफल हुए क्योंकि वे प्रतिबंध समिति में जरूरी सहमति नहीं बना सके, क्योंकि जानकारियां उसके तकनीकी पैमानों को पूरी नहीं कर रही थीं.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को पुलवामा आतंकी हमले की पुष्टि की. ये पुष्टि हमले के महीनों बाद हुई है. वहीं बात करें आतंकी संगठन के सरगना अजहर की तो उसने 14 फरवरी को ही कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ले ली थी. इसके बाद उसने एक वीडियो भी जारी किया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे.
उस समय, भारत ने उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले करके इस आतंकी हमले का जवाब दिया था. भारत के नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (NTRO) ने दावा किया था कि इस कार्रवाई के समय बालाकोट में 300 मोबाईल सक्रिय थे.
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भारत की कार्रवाई के बाद पाक ने 27 फरवरी को एक के बाद एक छह एयर स्ट्राइक किए थे. इसी दौरान मिग-21 के पायलट अभिनंदन वर्थमान को भी पाक ने बंदी बनाया था. बाद में वैश्विक दबाव के आगे लगभग 60 घंटों के बाद अभिनंदन को रिहा कर दिया गया था.
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इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच काफी तनाव व्याप्त रहा था. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप के बाद दक्षिण एशियाई परमाणु शक्तियां (भारत-पाक) के बीच तनाव कम हुआ था. बता दें कि भारत-पाक ने 1947 में बंटवारे के बाद तीन युद्ध लड़े हैं.
(भाषा इनपुट)