इस्लामाबाद : ट्रांसजेंडर चांदनी को बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की मदद करने वाली एक छोटी गैर-लाभकारी संस्था महनुश से जुड़ने से पहले उनका जीवन मुश्किलों से भरा था.
आज चांदनी सजावटी चीजें बनाकर अपनी आजीविका तला रही हैं. महनुश द्वारा संचालित एक दुकान में चांदनी अपने हुनर से लकड़ी के ट्रे, कैंडल स्टैंड, लैंप, और टेबल बनाती हैं और उन्हें रंगीन परिदृश्य और पुष्प डिजाइनों से सजाती हैं. इससे पहले वह पैसे कमाने के लिए नृत्य करती थीं और सड़कों पर भीख मांगती थीं.
चांदनी ने बताया कि जब हम पार्टियों में मुजरा (मुजरा नृत्य का एक रूप है) या नृत्य करते थे, तो लोग हमारा अपमान करते थे. लोग कहते थे कि हम कुछ काम क्यों नहीं करते?
पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों यौन उत्पीड़न, नैतिक और शारीरिक हिंसा सहित सभी प्रकार की लिंग आधारित हिंसा का सामना करना पड़ता है. उन्हें कोई कानूनी संरक्षण नहीं है. इसलिए ऐशा इरफान और उसकी बेटी महा ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की मदद करने के लिए एक गैर-लाभकारी संस्था शुरू की. इस संस्था का नाम महनुश रखा.
महनुश में प्रशिक्षण के माध्यम से ट्रांसजेंडर व्यक्ति कौशल हासिल करते हैं और उससे अपनी कला और हुनर को निखारते हैं.
चांदनी कहती हैं कि अब लोग हमारी सराहना करते हैं. लोग कहते हैं कि हम अच्छा काम कर रहे हैं. अब लोग हमारा सम्मान करते हैं.
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इन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां प्रदर्शनियों में प्रदर्शित होती हैं.
संस्था के मुखिया बताते हैं कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सम्मानजनक आजीविका कमाते हुए देखना, वास्तव में बहुत शांति देता है. सम्मान आय से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है.
2019 के सुप्रीम कोर्ट की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की अनुमानित आबादी लगभग तीन लाख है.