मॉस्को : साइबेरिया के क्रासनोयार्स्क क्षेत्र में सोने की खदान के पास शनिवार को सिबा नदी पर अवैध रूप से बनाया गया बांध टूट गया. बांध के टूटने से 15 लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य छह लोग लापता हैं. इस मामले खदान के तीन आधिकारियों को गिरफ्तार किया गया.
गौरतलब है कि क्रासनोयार्स्क शहर मॉस्को से 4000 किलोमीटर पूर्व में है.
जांच एजेंसी के बयान में कहा गया कि खदान कम्पनी सिसिम के प्रमुख, खनन स्थल के प्रबंधक और फोरमैन को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ के लिए तीनों को क्रासनोयार्स्क ले जाया गया.
रूस प्राधिकरण ने बताया कि बांध टूटने से श्रमिकों की कई केबिन पानी में डूब गईं, जहां पर 70 श्रमिक रहते थे.
शेट्टिन्किनो गांव के पास स्थित केबिनों में सुबह लगभग 6:00 बजे श्रमिकों को बर्फीले और गंदे पानी से राहत मिली.
अधिकारियों ने कहा कि 300 लोग, छह हेलीकॉप्टर और छह नावों की मदद से राहत एवं बचाव कार्य किया गया, लेकिन रात होने पर अभियान को रद्द कर दिया गया.
अधिकारियों ने कहा कि बांध अवैध रूप से बनाया गया था. अधिकारियों ने दावा किया उन्हें इसके बारे में पता नहीं था.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति ने अधिकारियों को पीड़ितों को सहायता प्रदान करने और दुर्घटना किस कारण हुई, इसका पता लगाने का आदेश दिया है.
जांचकर्ताओं ने कहा कि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया गया है, इसलिए उन्होंने आपराधिक जांच की है.
आपात स्थिति की क्षेत्रीय मंत्रालय की शाखा प्रवक्ता ने कहा कि अब भी छह लोग लापता हैं.
अधिकारियों ने बताया कि कुल 16 पीड़ितों को चिकित्सा सहायता दी गई और चार लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया.
क्षेत्रीय गवर्नर एलेक्जेंडर ने कहा कि प्रभावित केबिन में करीब 80 मजदूर रहते थे और यहां की कुल आबादी करीब 180 थी. एलेक्जेंडर के मुताबिक लगातार बारिश के चलते बांध कमजोर हुआ और टूट गया. खदान में काम करने वाले एक मजदूर के अनुसार क्षेत्र में चार बांध हैं, जिनका निर्माण तीन साल पहले ही हुआ है.
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कमजोर सुरक्षा नियमों, खराब प्रबंधन और सोवियत काल के बुनियादी ढांचे के कारण रूस में घातक दुर्घटनाएं आम हैं.
बता दें कि 2009 में, साइबेरिया के खाकासिया क्षेत्र में रूस के सबसे बड़े पनबिजली संयंत्र में बाढ़ से 75 लोग मारे गये थे.