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चूहों में कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में सफल रहा विकसित टीका : अध्ययन

जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित किए गए टीके से चूहों में कोरोना का संक्रमण रोका जा सकता है. एक अध्ययन में इस बात का पता चला है.

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Published : Sep 4, 2020, 6:44 PM IST

covid vaccine
कोरोना टीका

यरूशलम : अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के साथ साझेदारी में विकसित कोविड-19 टीके के परीक्षण में पाया गया कि उससे ऐसे एंटीबॉडी बने जिनसे चूहों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सका. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है.

नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार इस टीके ने सीरियाई सुनहरे चूहों में मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाया और उन्हें निमोनिया जैसे अनेक रोगों तथा मौत से बचाया जा सका.

जॉनसन एंड जॉनसन तथा बर्थ इजराइल डीकोनेस मेडिकल सेंटर (बीआईडीएमसी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित टीके में सामान्य सर्दी जुखाम के वायरस ‘एडिनोवायरस सीरोटाइप 26’ (एडी26) का इस्तेमाल किया गया है.

बीआईडीएमसी सेंटर फॉर वायरोलॉजी एंड वैक्सीन रिसर्च के निदेशक डैन बरूच ने कहा, 'हमने हाल ही में देखा कि एडी26 आधारित सार्स-सीओवी-2 टीके ने बंदरों के अंदर मजबूत सुरक्षा प्रणाली विकसित की और अब इसका परीक्षण मनुष्यों पर किया जा रहा है.'

पढ़ें :- ब्रिटेन ने दी प्रभावी कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति

उन्होंने यह भी कहा, 'हालांकि बंदरों को सामान्य रूप से अधिक गंभीर बीमारियां नहीं होतीं, और इसलिए यह अध्ययन करना जरूरी था कि क्या यह टीका चूहों को गंभीर निमोनिया और सार्स-सीओवी-2 से मौत से बचा सकता है.'

यरूशलम : अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के साथ साझेदारी में विकसित कोविड-19 टीके के परीक्षण में पाया गया कि उससे ऐसे एंटीबॉडी बने जिनसे चूहों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सका. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है.

नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार इस टीके ने सीरियाई सुनहरे चूहों में मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाया और उन्हें निमोनिया जैसे अनेक रोगों तथा मौत से बचाया जा सका.

जॉनसन एंड जॉनसन तथा बर्थ इजराइल डीकोनेस मेडिकल सेंटर (बीआईडीएमसी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित टीके में सामान्य सर्दी जुखाम के वायरस ‘एडिनोवायरस सीरोटाइप 26’ (एडी26) का इस्तेमाल किया गया है.

बीआईडीएमसी सेंटर फॉर वायरोलॉजी एंड वैक्सीन रिसर्च के निदेशक डैन बरूच ने कहा, 'हमने हाल ही में देखा कि एडी26 आधारित सार्स-सीओवी-2 टीके ने बंदरों के अंदर मजबूत सुरक्षा प्रणाली विकसित की और अब इसका परीक्षण मनुष्यों पर किया जा रहा है.'

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उन्होंने यह भी कहा, 'हालांकि बंदरों को सामान्य रूप से अधिक गंभीर बीमारियां नहीं होतीं, और इसलिए यह अध्ययन करना जरूरी था कि क्या यह टीका चूहों को गंभीर निमोनिया और सार्स-सीओवी-2 से मौत से बचा सकता है.'

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