काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में स्कूली बच्चों सहित 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 70 अन्य घायल हुए हैं.
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने बताया कि धमाका पश्चिमी काबुल के दश्त-ए-बारची स्थित शिया बहुल इलाके में एक शिक्षण केंद्र के बाहर हुआ. मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान ने बताया कि हमलावर शिक्षण केंद्र में घुसने का प्रयास कर रहा था, लेकिन सुरक्षा गार्ड ने उसे रोक दिया था.
अरियान ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि पीड़ितों के परिवार अब भी विभिन्न अस्पतालों में तलाश कर रहे हैं, जहां पर घायलों को ले जाया गया है.
फिलहाल इस हमले की किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है. तालिबान ने इस धमाके में हाथ होने से इनकार किया है.
बता दें कि, इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठन ने अगस्त, 2018 में इसी तरह शिक्षण केंद्र पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 34 विद्यार्थियों की मौत हुई थी. अफगानिस्तान के भीतर इस्लामिक स्टेट ने बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक शियाओं, सिखों और हिंदुओं पर हमले शुरू किया है, जिन्हें वह गैर मजहबी मानता है.
काबुल में इस्लामिक स्टेट के प्रति वफादार एक बंदूकधारी द्वारा काबुल में धार्मिक स्थल पर हमला करने और 25 लोगों की हत्या के बाद सितंबर में हिंदू और सिख समुदाय के सैकड़ों लोगों ने देश से पलायन किया है.
वहीं, अमेरिका ने फरवरी में तालिबान के साथ शांति समझौता किया है, जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का रास्ता खुल गया है.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस समझौते से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा. इस्लामिक स्टेट, तालिबान का प्रतिद्वंद्वी है.
अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान बलों के बीच हिंसा में वृद्धि देखी गई है. वहीं, तालिबान और सरकार के प्रतिनिधि कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान में दशकों लंबे युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता कर रहे हैं.
इससे पहले शनिवार को पूर्वी अफगानिस्तान में सड़क के किनारे किए गए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई. इस विस्फोट की चपेट में एक मिनी वैन आ गई थी, जिसमें आम लोग बैठ हुए थे.
गजनी प्रांत के पुलिस प्रवक्ता अहमद खान सीरत ने बताया कि सड़क के किनारे किए गए दूसरे विस्फोट में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. इस विस्फोट की चपेट में पुलिसकर्मियों की एक गाड़ी आ गई, जो पहले विस्फोट के स्थल पर पीड़ितों की मदद के लिए जा रही थी.
सीरत ने बताया कि विस्फोटों में कई अन्य घायल भी हुए हैं और हमलों की जांच चल रही है.
इन हमलों की जिम्मेदारी तत्काल किसी संगठन ने नहीं ली है. प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता ने दावा किया कि बम तालिबान ने लगाए थे.