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यूएनपी का नेतृत्व करना चाहते हैं विक्रमसिंघे के रिश्तेदार

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Published : Aug 30, 2020, 5:32 PM IST

संसदीय चुनाव में मिली करारी हार के बाद श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने यूनाइटेड नेशनल पार्टी का नेतृत्व छोड़ने के फैसले के बाद उनके रिश्तेदार और पार्टी के उप महासचिव रुआन विजेवर्धने ने पार्टी की कमान संभालने की इच्छा जताई है.

पूर्व पीएम विक्रमसिंघे
पूर्व पीएम विक्रमसिंघे

कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 26 सालों तक यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) का नेतृत्व करने के बाद अब पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफे की घोषणा की, जिसके बाद उनके रिश्तेदार और पार्टी के उप महासचिव रुआन विजेवर्धने ने पार्टी की कमान संभालने की इच्छा व्यक्त की है.

विक्रमसिंघे ने संसदीय चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी नेतृत्व छोड़ने का फैसला किया है. यूएनपी श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी है, लेकिन पांच अगस्त को हुए संसदीय चुनाव में महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) से उसे शर्मनाक हार मिली थी. यूएनपी को केवल दो प्रतिशत मत मिले थे और 22 निर्वाचन जिलों में 225 संसदीय सीटों में से एक भी सीट जीतने में वह असफल रही थी.

यूएनपी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को 1977 के बाद पहली बार संसदीय चुनाव में हार मिली है.

विजेवर्धने (45) ने शनिवार को अनुराधापुरा में पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'कई लोगों की मांग को देखते हुए मैंने पार्टी नेता रानिल विक्रमसिंघे के आशीर्वाद से यूएनपी का नेतृत्व संभालने का फैसला किया है.'

पढ़ें - बांग्लादेश : खालिदा जिया की सजा के निलंबन को बढ़ाने की मांग

विक्रमसिंघे के इस्तीफे की घोषणा के बाद हालांकि पार्टी महासचिव अकिला विराज करियावासम ने स्वयं और तीन अन्य को पार्टी अध्यक्ष पद का संभावित दावेदार घोषित कर दिया. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और यूएनपी के उप नेता कारु जयसूर्या ने भी पार्टी का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है.

कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 26 सालों तक यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) का नेतृत्व करने के बाद अब पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफे की घोषणा की, जिसके बाद उनके रिश्तेदार और पार्टी के उप महासचिव रुआन विजेवर्धने ने पार्टी की कमान संभालने की इच्छा व्यक्त की है.

विक्रमसिंघे ने संसदीय चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी नेतृत्व छोड़ने का फैसला किया है. यूएनपी श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी है, लेकिन पांच अगस्त को हुए संसदीय चुनाव में महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) से उसे शर्मनाक हार मिली थी. यूएनपी को केवल दो प्रतिशत मत मिले थे और 22 निर्वाचन जिलों में 225 संसदीय सीटों में से एक भी सीट जीतने में वह असफल रही थी.

यूएनपी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को 1977 के बाद पहली बार संसदीय चुनाव में हार मिली है.

विजेवर्धने (45) ने शनिवार को अनुराधापुरा में पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'कई लोगों की मांग को देखते हुए मैंने पार्टी नेता रानिल विक्रमसिंघे के आशीर्वाद से यूएनपी का नेतृत्व संभालने का फैसला किया है.'

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विक्रमसिंघे के इस्तीफे की घोषणा के बाद हालांकि पार्टी महासचिव अकिला विराज करियावासम ने स्वयं और तीन अन्य को पार्टी अध्यक्ष पद का संभावित दावेदार घोषित कर दिया. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और यूएनपी के उप नेता कारु जयसूर्या ने भी पार्टी का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है.

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