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अफगानिस्तान में छिटपुट हमलों के बीच सप्ताहभर का संघर्षविराम शुरू

अफगानिस्तान में छिटपुट हमलों के बीच शनिवार से एक सप्ताह का आंशिक संघर्ष विराम शुरू हो गया. अमेरिका और अफगान बल हिंसा में तथाकथित कमी लाने पर सहमत हुए. अगर यह संघर्ष विराम बरकरार रहता है तो अफगानिस्तान में 2001 के बाद से जारी लड़ाई में यह दूसरा शांति काल होगा. जानें विस्तार से...

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अफगानिस्तान में हमला
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Published : Feb 22, 2020, 4:16 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 4:44 AM IST

काबुल : अफगानिस्तान में छिटपुट हमलों के बीच शनिवार से एक सप्ताह का आंशिक संघर्ष विराम शुरू हो गया, जबिक इसका जश्न मनाने के लिये लोग सड़कों पर उतर आए. इस संघर्ष विराम को अफगानिस्तान युद्ध का एक अहम मोड़ माना जा रहा है.

इससे पहले तालिबान, अमेरिका और अफगान बल हिंसा में तथाकथित कमी लाने पर सहमत हुए. अगर यह संघर्ष विराम बरकरार रहता है तो अफगानिस्तान में 2001 के बाद से जारी लड़ाई में यह दूसरा शांति काल होगा.

काबुल में एक टैक्सी चालक हबीब-उल्ला ने कहा, 'यह पहली सुबह है जब मैं आत्मघाती बम हमले में मारे जाने के डर के बिना बाहर निकला हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि हमेशा ऐसा ही रहे.

देश के अन्य हिस्सों में लोगों ने नाच कर संघर्ष विराम का स्वागत किया.

अफगानिस्तान के उत्तर में बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ के निकट जिला मुख्यालय पर तालिबान लड़ाकों के हमले में दो सैनिकों की मौत हो गई.

हमला मध्यरात्रि को हुआ, जब संघर्ष विराम लागू हो चुका था. वहीं मध्य उरुजगान प्रांत से भी हमले की खबर आ रही है.

इसे भी पढे़ं- राष्ट्रपति अशरफ गनी की जीत पर भारत ने बधाई दी

अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सेना का नेतृत्व कर रहे जनरल स्कॉट मिलर ने कहा कि पश्चिमी सेना 'हिंसा में कमी' पर लगातार निगरानी रख रही है.

अफगानिस्तान में शांति से अमेरिका का 18 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ हो जाएगा. बहरहाल, इसके बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर प्रश्नचिह्न भी खड़ा हो सकता है.

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और तालिबान ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि एक सप्ताह के संघर्ष विराम के बाद दोनों पक्ष 29 फरवरी को दोहा में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं.

काबुल : अफगानिस्तान में छिटपुट हमलों के बीच शनिवार से एक सप्ताह का आंशिक संघर्ष विराम शुरू हो गया, जबिक इसका जश्न मनाने के लिये लोग सड़कों पर उतर आए. इस संघर्ष विराम को अफगानिस्तान युद्ध का एक अहम मोड़ माना जा रहा है.

इससे पहले तालिबान, अमेरिका और अफगान बल हिंसा में तथाकथित कमी लाने पर सहमत हुए. अगर यह संघर्ष विराम बरकरार रहता है तो अफगानिस्तान में 2001 के बाद से जारी लड़ाई में यह दूसरा शांति काल होगा.

काबुल में एक टैक्सी चालक हबीब-उल्ला ने कहा, 'यह पहली सुबह है जब मैं आत्मघाती बम हमले में मारे जाने के डर के बिना बाहर निकला हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि हमेशा ऐसा ही रहे.

देश के अन्य हिस्सों में लोगों ने नाच कर संघर्ष विराम का स्वागत किया.

अफगानिस्तान के उत्तर में बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ के निकट जिला मुख्यालय पर तालिबान लड़ाकों के हमले में दो सैनिकों की मौत हो गई.

हमला मध्यरात्रि को हुआ, जब संघर्ष विराम लागू हो चुका था. वहीं मध्य उरुजगान प्रांत से भी हमले की खबर आ रही है.

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अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सेना का नेतृत्व कर रहे जनरल स्कॉट मिलर ने कहा कि पश्चिमी सेना 'हिंसा में कमी' पर लगातार निगरानी रख रही है.

अफगानिस्तान में शांति से अमेरिका का 18 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ हो जाएगा. बहरहाल, इसके बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर प्रश्नचिह्न भी खड़ा हो सकता है.

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और तालिबान ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि एक सप्ताह के संघर्ष विराम के बाद दोनों पक्ष 29 फरवरी को दोहा में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं.

Last Updated : Mar 2, 2020, 4:44 AM IST
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