काठमांडु : पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अलग हुए धड़े ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के खिलाफ नए प्रदर्शन करने के कार्यक्रम की रविवार को घोषणा की.
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने 20 दिसंबर को एक आश्चर्यजनक कदम के तहत 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को भंग करने की सिफारिश की थी. उन्होंने यह कदम प्रचंड की अगुवाई वाले एनसीपी के अलग हुए धड़े के साथ सत्ता को लेकर चल रहे टकराव के बीच उठाया था.
ओली की सिफारिश पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने की सिफारिश को उसी दिन स्वीकार कर लिया था और 30 अप्रैल से 10 मई के बीच नए चुनाव कराने की घोषणा की थी. इसके बाद प्रचंड की अगुवाई वाले धड़े ने प्रदर्शन शुरू कर दिए थे. प्रचंड सत्तारूढ़ दल के सह अध्यक्ष भी हैं.
प्रचंड और माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाले धड़े ने प्रतिनिधिसभा को भंग करने के खिलाफ नए सिरे से प्रदर्शनों का ऐलान किया है.
रविवार को संवाददाता सम्मेलन में संघर्ष समिति के नेता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा कि संसद को भंग किए जाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ सांकेतिक प्रदर्शन के तौर पर काठमांडु के तुंदिखेल ओपन ग्राउंड में 19 फरवरी को मानव श्रृंखला बनाई जाएगी.
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राजधानी काठमांडू सहित देशभर के विभिन्न जिलों में 17 से 24 फरवरी तक विरोध रैलियों का आयोजन किया जाएगा. पार्टी सदन को भंग करने के खिलाफ लोगों से हस्ताक्षर लेने के लिए विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर 19 से 27 फरवरी तक अभियान चलाएगी.
प्रतिनिधि सभा को भंग करने का विरोध कर रहे धड़े ने प्रदर्शनों के तीसरे चरण में 26 जनवरी से 10 फरवरी तक प्रदर्शन किए.
संसद भंग करने के अपने कदम का बचाव करते हुए, ओली ने हाल ही में कहा था कि कुछ नेता उनकी सरकार के कामकाज में बाधा डालने की कोशिश कर रहे थे और उनके पास चुनाव में जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था.