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'अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण हुआ तो पाकिस्तान बंद कर देगा अपनी सीमा' - पाकिस्तान विदेश मंत्री की चेतावनी

पाकिस्तान को एक बार फिर अफगान शरणार्थियों के भागकर पाक आने की आशंका है, इसीलिए विदेश मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण हुआ तो पाकिस्तान अपनी सीमा बंद कर देगा. पाकिस्तान पहले ही 35 लाख अफगानिस्तानियों को शरण दे चुका है, लेकिन अब वह और शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करेगा.

शाह महमूद कुरैशी
शाह महमूद कुरैशी
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Published : Jun 28, 2021, 7:45 AM IST

मुल्तान : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने रविवार को कहा, अमेरिका की वापसी के बाद अफगानिस्तान में हिंसा (violence in afghanistan) व अराजकता उत्पन्न हो सकती है और यदि तालिबान का इस पर नियंत्रण हो गया तो पाकिस्तान इस देश से लगी सीमा बंद कर (Pakistan will close the border with Afghanistan) देगा.

कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही 35 लाख अफगानिस्तानियों को शरण दे चुका है, लेकिन अब वह और शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने मध्य मुल्तान शहर में आयोजित साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में ये बात कही.

उन्होंने कहा, हम और शरणार्थियों को नहीं ले सकते, हम अपनी सीमा बंद कर देंगे. हमें अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान देश में शांति के कूटनीतिक प्रयास जारी रखेगा और इसके लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए नेतृत्व का स्वागत करता रहेगा.

पढ़ें- अमेरिका ने इराक-सीरिया में मिलिशिया समूह के ठिकानों पर किए हवाई हमले

साल 1989 में तत्कालीन सोवियत संघ की वापसी के बाद मुजाहिदीन समूहों के बीच छिड़ी आपसी लड़ाई के चलते लाखों अफगानिस्तानी भागकर पाकिस्तान आ गए थे.

अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद अमेरिका नीत गठबंधन ने तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता से उखाड़ फेंका था.

हालिया कुछ सप्ताह में तालिबान लड़ाकों ने दक्षिणी और उत्तरी अफगानिस्तान के विभिन्न जिलों पर कब्जा कर लिया है. साथ ही वह सरकारी सुरक्षा बलों को समर्पण कराने और उनके हथियार तथा सैन्य वाहनों को जब्त करने के प्रयास कर रहा है.

(एपी)

मुल्तान : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने रविवार को कहा, अमेरिका की वापसी के बाद अफगानिस्तान में हिंसा (violence in afghanistan) व अराजकता उत्पन्न हो सकती है और यदि तालिबान का इस पर नियंत्रण हो गया तो पाकिस्तान इस देश से लगी सीमा बंद कर (Pakistan will close the border with Afghanistan) देगा.

कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही 35 लाख अफगानिस्तानियों को शरण दे चुका है, लेकिन अब वह और शरणार्थियों को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने मध्य मुल्तान शहर में आयोजित साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में ये बात कही.

उन्होंने कहा, हम और शरणार्थियों को नहीं ले सकते, हम अपनी सीमा बंद कर देंगे. हमें अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान देश में शांति के कूटनीतिक प्रयास जारी रखेगा और इसके लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए नेतृत्व का स्वागत करता रहेगा.

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साल 1989 में तत्कालीन सोवियत संघ की वापसी के बाद मुजाहिदीन समूहों के बीच छिड़ी आपसी लड़ाई के चलते लाखों अफगानिस्तानी भागकर पाकिस्तान आ गए थे.

अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद अमेरिका नीत गठबंधन ने तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता से उखाड़ फेंका था.

हालिया कुछ सप्ताह में तालिबान लड़ाकों ने दक्षिणी और उत्तरी अफगानिस्तान के विभिन्न जिलों पर कब्जा कर लिया है. साथ ही वह सरकारी सुरक्षा बलों को समर्पण कराने और उनके हथियार तथा सैन्य वाहनों को जब्त करने के प्रयास कर रहा है.

(एपी)

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