नई दिल्ली: पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लांडरिंग के खिलाफ निगरानी करने वाले बहुपक्षीय वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा तय 27 बिंदुओं में 25 पर कार्रवाई पूरा करने में विफल रहा है.
आपको बता दें कि आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद तथा सहयोगी संगठनों जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के वित्तपोषण पर अंकुश के लिए पाकिस्तान को कार्रवाई करनी थी, लेकिन इसके लिए वह ज्यादातर तय बिंदुओं पर कार्रवाई करने में वह विफल रहा है.
इससे अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्वबैंक और यूरोपीय संघ द्वारा पाकिस्तान की वित्तीय साख को आगे और भी नीचे की श्रेणी में डाल सकते हैं. ऐसे में पहले से वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो सकती है.
पढ़ें: बिश्केक SCO सम्मेलन: मोदी-इमरान ने किया एक दूसरे का अभिवादन
पेरिस मुख्यालय वाले एफएटीएफ ने पाकिस्तान से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उसने मूल रूप से आतंवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के सहयोगी
संगठनों जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत द्वारा से शुरू किए गए स्कूलों, मदरसों, क्लिनिक और एंबुलेंस सेवाओं को चलाने के लिए 70 लाख डॉलर की धन राशि के आवंटन की कोई जांच शुरू की है.
अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत की स्थापना की थी. लश्कर-ए-तैयबा ने भारत में 2008 में मुंबई पर हमला किया था. इसके अलावा उसने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण भी किया था. इस विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था.
हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हमले के लिए भी लश्कर ही जिम्मेदार है. इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे.
इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने कहा कि अमेरिका के फ्लोरिडा में रविवार को शुरू हो रही एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान गंभीर संकट में होगा.
उन्होंने कहा, 'वह FATF के 27 में से 25 बिंदुओं पर कार्रवाई करने में विफल रहा है. उसके पास अब आखिरी मौका है. उसे 15 माह का समय दिया गया था जो अक्टूबर, 2019 में समाप्त हो जाएगा. उस समय FATF का पूर्ण अधिवेशन होने वाला है.'
पढ़ें: SCO बैठक में इमरान खान ने अपनी ही भद पिटवा ली
FATF ने पाकिस्तान को 'संदेह' वाले देशों की सूची में रखा हुआ है. इससे मुद्रकोष विश्वबैंक, एडीबीख् तथा ईयू (यूरोपीय संघ) उसकी वित्तीय साख कम कर सकते हैं. इससे पहले से वित्तीय संकट में फंसे पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.