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pak no confidence motion : इमरान खान का भविष्य संकट में, राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका - pak pm imran khan

पाकिस्तान में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है. प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव (pak no confidence motion) के बीच उनकी खुद की पार्टी- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में भी बगावत की खबरें हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 20 से अधिक सांसदों ने इमरान के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हैं. कई सांसदों को नोटिस भेजे जाने की भी खबरें हैं. पाकिस्तान के एक विश्लेषक का मानना है कि इमरान खान एक ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं जिसे जीता नहीं जा सकता. ऐसे में पाकिस्तान के 19वें पीएम इमरान खान के भविष्य पर सस्पेंस बना हुआ है.

Imran Khan
इमरान खान
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Published : Mar 20, 2022, 11:01 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को इस महीने अविश्वास प्रस्ताव (pak no confidence motion) का सामना करना है. इस सप्ताह में इमरान खान के खिलाफ कभी भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता जैसे हालात हैं. पाकिस्तान के एक विश्लेषक ने तर्क दिया है कि इमरान खान जो लड़ाई लड़ रहे हैं वह 'अपराजेय युद्ध' (Imran Khan is fighting an unwinnable war) प्रतीत होता है. बता दें कि अगस्त, 2018 में सत्ता में आए इमरान खान के कार्यकाल के लगभग 17 महीने बाकी हैं. पाक के आम चुनाव 2018 में 156 सीटें जीतने वाली इमरान की पार्टी- पीटीआई ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सहयोग से सरकार बनाई थी.

दरअसल, पाकिस्तान के विपक्षी राजनीतिक दलों ने इमरान खान को हटाने के लिए संसद में अविश्वास प्रस्ताव की मांग की है. खबरों के मुताबिक इमरान खान की अगुवाई वाली सत्ताधारी पार्टी- पीटीआई ने हिंसा की धमकी दी है. संसद के दो सदस्यों (सांसदों) को कुछ समय के लिए हिरासत में भी लिया गया है. इसी बीच विपक्ष का कहना है कि सोमवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाए. जानकारी के मुताबिक सोमवार को संकल्प प्रस्तुत करने की समय सीमा खत्म हो रही है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पेश न करने की स्थिति में पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने निचले सदन में धरना देने और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के शिखर सम्मेलन को बाधित करने की धमकी दी है.

डॉन अखबार के एक संपादकीय अंश में, फहद हुसैन (Fahd Husain) ने कहा कि सत्ता मिलने से पहले के दिनों में इमरान खान लोकप्रियता की लहर पर सवार थे, जो आंशिक रूप से संगठित थे, और आंशिक रूप से नहीं. अब सत्तारूढ़ दल के पास सफल होने या सरकार बचाने का कोई मौका नहीं.

पाक सरकार का हश्र क्या
उन्होंने कहा कि सत्ता मिलने के बाद, इमरान खान आशा से भरी और राज्य मशीनरी के समर्थन से प्रज्ज्वलित उम्मीदों की लहरों पर सवार दिख रहे हैं. उन्होंने कहा, पाक में पीटीआई नीत सरकार का क्या हश्र होगा इसका अंतिम परिणाम अभी 10 दिन दूर है, क्योंकि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तारीख करीब आती जा रही है. हुसैन के अनुसार, जो लोग पक्षपातपूर्ण क्रोध से अंधे नहीं हुए हैं, उनके लिए आज की घटनाएं बिल्कुल स्पष्ट हैं. इनमें अविश्वास प्रस्ताव, अपनी पार्टी- पीटीआई के सदस्यों द्वारा विश्वासघात और सहयोगियों का विश्वासघात जैसी घटनाएं बादल फटने की तरह अचानक सामने नहीं आईं हैं.

पाक में नो कॉन्फिडेंस मोशन पर वोटिंग
इसी बीच प्रधानमंत्री इमरान खान (pak pm imran khan) ने एक ट्वीट में पीटीआई कार्यकर्ताओं को संदेश दिया. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल- @ImranKhanPTI पर लिखा, मेरे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संदेश : हमारे देश के गद्दार और देशद्रोही एक जाल में फंस रहे हैं. इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट में 27 मार्च की तारीख का जिक्र किया. कयास लगाए जा रहे हैं कि 7 मार्च को इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है.

imran khan
इमरान खान ने पीटीआई कार्यकर्ताओं को संदेश दिया

अविश्वास प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष के दावे
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इमरान खान सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव के गिरने का विश्वास जताया है. विपक्ष को यकीन है कि वे इमरान खान को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे.

इमरान खान के इस्तीफे की मांग
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने के लिए सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि प्रस्ताव केवल तभी वापस लिया जाएगा जब इमरान इस्तीफे की घोषणा करेंगे.

पाक की सियासत से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें-

इमरान खान इतिहास बनाने की दहलीज पर
गौरतलब है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इमरान खान की सरकार गिरती है तो यह पाकिस्तान के इतिहास की पहली घटना होगी. इससे पहले कोई अन्य सरकार पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के कारण नहीं गिरी. दूसरी ओर अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता है तो संभव है कि इमरान दूसरा इतिहास रच डालें. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके कार्यकाल के 17 महीने बाकी हैं, और आज तक कोई भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है. ऐसे में इमरान पांच साल तक कुर्सी पर बने रहने वाले पहले पीएम भी बन सकते हैं. हालांकि, पाकिस्तान के राजनीतिक हालात को देखते हुए यह संभावना महज कोरी कल्पना सी लगती है.

(एएनआई)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को इस महीने अविश्वास प्रस्ताव (pak no confidence motion) का सामना करना है. इस सप्ताह में इमरान खान के खिलाफ कभी भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता जैसे हालात हैं. पाकिस्तान के एक विश्लेषक ने तर्क दिया है कि इमरान खान जो लड़ाई लड़ रहे हैं वह 'अपराजेय युद्ध' (Imran Khan is fighting an unwinnable war) प्रतीत होता है. बता दें कि अगस्त, 2018 में सत्ता में आए इमरान खान के कार्यकाल के लगभग 17 महीने बाकी हैं. पाक के आम चुनाव 2018 में 156 सीटें जीतने वाली इमरान की पार्टी- पीटीआई ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सहयोग से सरकार बनाई थी.

दरअसल, पाकिस्तान के विपक्षी राजनीतिक दलों ने इमरान खान को हटाने के लिए संसद में अविश्वास प्रस्ताव की मांग की है. खबरों के मुताबिक इमरान खान की अगुवाई वाली सत्ताधारी पार्टी- पीटीआई ने हिंसा की धमकी दी है. संसद के दो सदस्यों (सांसदों) को कुछ समय के लिए हिरासत में भी लिया गया है. इसी बीच विपक्ष का कहना है कि सोमवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाए. जानकारी के मुताबिक सोमवार को संकल्प प्रस्तुत करने की समय सीमा खत्म हो रही है, ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पेश न करने की स्थिति में पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने निचले सदन में धरना देने और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के शिखर सम्मेलन को बाधित करने की धमकी दी है.

डॉन अखबार के एक संपादकीय अंश में, फहद हुसैन (Fahd Husain) ने कहा कि सत्ता मिलने से पहले के दिनों में इमरान खान लोकप्रियता की लहर पर सवार थे, जो आंशिक रूप से संगठित थे, और आंशिक रूप से नहीं. अब सत्तारूढ़ दल के पास सफल होने या सरकार बचाने का कोई मौका नहीं.

पाक सरकार का हश्र क्या
उन्होंने कहा कि सत्ता मिलने के बाद, इमरान खान आशा से भरी और राज्य मशीनरी के समर्थन से प्रज्ज्वलित उम्मीदों की लहरों पर सवार दिख रहे हैं. उन्होंने कहा, पाक में पीटीआई नीत सरकार का क्या हश्र होगा इसका अंतिम परिणाम अभी 10 दिन दूर है, क्योंकि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तारीख करीब आती जा रही है. हुसैन के अनुसार, जो लोग पक्षपातपूर्ण क्रोध से अंधे नहीं हुए हैं, उनके लिए आज की घटनाएं बिल्कुल स्पष्ट हैं. इनमें अविश्वास प्रस्ताव, अपनी पार्टी- पीटीआई के सदस्यों द्वारा विश्वासघात और सहयोगियों का विश्वासघात जैसी घटनाएं बादल फटने की तरह अचानक सामने नहीं आईं हैं.

पाक में नो कॉन्फिडेंस मोशन पर वोटिंग
इसी बीच प्रधानमंत्री इमरान खान (pak pm imran khan) ने एक ट्वीट में पीटीआई कार्यकर्ताओं को संदेश दिया. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल- @ImranKhanPTI पर लिखा, मेरे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संदेश : हमारे देश के गद्दार और देशद्रोही एक जाल में फंस रहे हैं. इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट में 27 मार्च की तारीख का जिक्र किया. कयास लगाए जा रहे हैं कि 7 मार्च को इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है.

imran khan
इमरान खान ने पीटीआई कार्यकर्ताओं को संदेश दिया

अविश्वास प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष के दावे
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इमरान खान सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव के गिरने का विश्वास जताया है. विपक्ष को यकीन है कि वे इमरान खान को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे.

इमरान खान के इस्तीफे की मांग
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने के लिए सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि प्रस्ताव केवल तभी वापस लिया जाएगा जब इमरान इस्तीफे की घोषणा करेंगे.

पाक की सियासत से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें-

इमरान खान इतिहास बनाने की दहलीज पर
गौरतलब है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इमरान खान की सरकार गिरती है तो यह पाकिस्तान के इतिहास की पहली घटना होगी. इससे पहले कोई अन्य सरकार पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के कारण नहीं गिरी. दूसरी ओर अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता है तो संभव है कि इमरान दूसरा इतिहास रच डालें. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके कार्यकाल के 17 महीने बाकी हैं, और आज तक कोई भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है. ऐसे में इमरान पांच साल तक कुर्सी पर बने रहने वाले पहले पीएम भी बन सकते हैं. हालांकि, पाकिस्तान के राजनीतिक हालात को देखते हुए यह संभावना महज कोरी कल्पना सी लगती है.

(एएनआई)

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