पेशावर : पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी एक अदालत ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में घटित एक मामले में फैसला लिया है. कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ करने के मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी और 55 अन्य को कोर्ट ने नौ दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
अदालत ने मामले में अन्य 56 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिनमें मौलवी शरीफ भी शामिल हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने भीड़ को उकसाया था.
खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के करक जिले के टेरी गांव में स्थित मंदिर पर पिछले हफ्ते भीड़ ने हमला कर दिया था. दरअसल, हिंदू समुदाय के सदस्यों को स्थानीय अधिकारियों से इसकी दशकों पुरानी इमारत के नवीनीकरण की अनुमति मिली थी. भीड़ ने पुराने ढांचे के साथ-साथ नए निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया.
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख सनाउल्लाह अब्बासी ने कहा कि मुख्य आरोपी फैजुल्लाह को करक जिले से गिरफ्तार किया गया. ऐसा कहा जाता है कि उसने मंदिर पर हमला करने के लिए भीड़ को उकसाया था. पुलिस ने मामले में 350 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है.
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पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने एवेक्यू प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड को क्षतिग्रस्त मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू करने का आदेश दिया है और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नुकसान की भरपाई के लिए हमलावरों से धन की वसूली की जाए, जिनके करतूत से पाकिस्तान को 'अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी' झेलनी पड़ी है.
आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं. हालांकि, समुदाय के अनुसार, देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रह रहे हैं.