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अमेरिका साफ तौर पर परमाणु वार्ता के लिए इच्छुक नहीं : उत्तर कोरिया

औद्योगिक देशों के समूह के विदेश मंत्रियों के साथ हुई टेली कांफ्रेंस के बाद पोम्पियो ने संवाददाताओं से कहा था कि उत्तर कोरिया को परमाणु वार्ता के लिए वापस आने की अपील करने में पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकता बनाए रखनी चाहिए और इसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम पर दबाव बनाना चाहिए. पढे़ं खबर विस्तार से...

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किम जोंग उन
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Published : Mar 31, 2020, 12:00 AM IST

सियोल : उत्तर कोरिया ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की 'लापरवाह टिप्पणी' साफ तौर पर यह दर्शाती है कि वाशिंगटन परमाणु वार्ता को शुरू करने का इच्छुक नहीं है. साथ ही उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी कि 'अमेरिका ने जो दर्द हमारे लोगों को दिया है', उसका भुगतान करना होगा.

पिछले हफ्ते सात बड़े औद्योगिक देशों के समूह के विदेश मंत्रियों के साथ हुई टेली कांफ्रेंस के बाद पोम्पियो ने संवाददाताओं से कहा था कि उत्तर कोरिया को परमाणु वार्ता के लिए वापस आने की अपील करने में पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकता बनाए रखनी चाहिए और इसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम पर दबाव बनाना चाहिए.

वाशिंगटन से बातचीत करने वाले विदेश मंत्रालय के महानिदेशक के हवाले से उत्तर कोरिया ने एक बयान में कहा कि पोम्पियो की टिप्पणी दर्शाती है कि अमेरिका के पास 'टकराव की उल्टी गिनती' रोकने के लिए कोई रणनीति नहीं है.

हालांकि, बयान में इस बात को लेकर कोई जिक्र नहीं है कि उत्तर कोरिया क्या कार्रवाई करेगा लेकिन इसमें कहा गया कि अमेरिका द्वारा उत्तर कोरिया को दिए गए कष्ट के लिए उसे भुगतान करना होगा. इसमें यह संदर्भ भी दिया गया कि किस तरह अमेरिकी नेतृत्व के प्रतिबंधों के चलते उत्तरी कोरिया की अर्थवयवस्था को नुकसान पहुंचा है.

प्रिंस हैरी और मेगन की सुरक्षा पर होने वाला खर्च नहीं उठाएगा अमेरिका : ट्रंप

हालांकि, इससे पहले हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा गया कि इसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना और कोरोना वायरस महामारी से निपटने में सहयोग की पेशकश था.

सियोल : उत्तर कोरिया ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की 'लापरवाह टिप्पणी' साफ तौर पर यह दर्शाती है कि वाशिंगटन परमाणु वार्ता को शुरू करने का इच्छुक नहीं है. साथ ही उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी कि 'अमेरिका ने जो दर्द हमारे लोगों को दिया है', उसका भुगतान करना होगा.

पिछले हफ्ते सात बड़े औद्योगिक देशों के समूह के विदेश मंत्रियों के साथ हुई टेली कांफ्रेंस के बाद पोम्पियो ने संवाददाताओं से कहा था कि उत्तर कोरिया को परमाणु वार्ता के लिए वापस आने की अपील करने में पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकता बनाए रखनी चाहिए और इसके परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम पर दबाव बनाना चाहिए.

वाशिंगटन से बातचीत करने वाले विदेश मंत्रालय के महानिदेशक के हवाले से उत्तर कोरिया ने एक बयान में कहा कि पोम्पियो की टिप्पणी दर्शाती है कि अमेरिका के पास 'टकराव की उल्टी गिनती' रोकने के लिए कोई रणनीति नहीं है.

हालांकि, बयान में इस बात को लेकर कोई जिक्र नहीं है कि उत्तर कोरिया क्या कार्रवाई करेगा लेकिन इसमें कहा गया कि अमेरिका द्वारा उत्तर कोरिया को दिए गए कष्ट के लिए उसे भुगतान करना होगा. इसमें यह संदर्भ भी दिया गया कि किस तरह अमेरिकी नेतृत्व के प्रतिबंधों के चलते उत्तरी कोरिया की अर्थवयवस्था को नुकसान पहुंचा है.

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हालांकि, इससे पहले हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा गया कि इसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना और कोरोना वायरस महामारी से निपटने में सहयोग की पेशकश था.

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