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ओली का राजनीतिक भविष्य तय करने के लिए होने वाली एनसीपी की बैठक टली - standing committee meeting adjourned

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक 10 जुलाई को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. यह बैठक आज होनी थी.

standing committee meeting adjourned
नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली
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Published : Jul 8, 2020, 10:09 AM IST

Updated : Jul 8, 2020, 4:36 PM IST

काठमांडू : नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बुधवार को होने वाली अहम बैठक एक बार फिर टल गई है. अब यह बैठक शुक्रवार को होगी. नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के प्रेस सलाहकार ने यह जानकारी दी है.

इस बैठक में प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के राजनीतिक भविष्य पर फैसला होना था. ओली की कार्यशैली तथा भारत विरोधी बयानों के चलते उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है. दूसरी ओर पार्टी के दो धड़ों में मतभेद भी गहरा गए हैं. इन धड़ों में से एक की अगुवाई ओली कर रहे हैं तथा दूसरे धड़े के नेता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' हैं.

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक बुधवार को होनी थी और अब यह शुक्रवार को होगी.

पढ़ें-नेपाल : ओली-प्रचंड का गतिरोध बरकरार, आठ जुलाई तक टली स्थाई समिति की बैठक

प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बैठक के शुक्रवार तक स्थगित होने की घोषणा की. यह चौथी बार है जब बैठक स्थगित हुई है. हालांकि बैठक टलने की कोई वजह नहीं बताई गई है.

प्रधानमंत्री 68 वर्षीय ओली पर इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव के बीच नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी ने उन्हें बचाने के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं के साथ मंगलवार को संवाद तेज कर दिया.

एनसीपी में ओली और प्रचंड गुटों के बीच मनमुटाव तब और तेज हो गया जब प्रधानमंत्री ने गुरुवार को संसद का बजट सत्र स्थगित करने का एकतरफा निर्णय लिया. प्रचंड गुट प्रधानमंत्री पद से ओली के इस्तीफे की मांग कर रहा है. इस गुट ने उनसे प्रधानमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष दोनों ही पदों से इस्तीफा मांगा है, लेकिन ओली कोई भी पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल भी ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ओली के हाल के भारत विरोधी बयान न तो राजनीतिक रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक तौर पर उचित.

ओेली पर प्रधानमंत्री पद तथा पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने का दबाव है क्योंकि एनसीपी के अधिकतर नेता यही चाहते हैं.

माय रिपब्लिका अखबार के मुताबिक अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए ओली और प्रचंड ने कई दौर की बातचीत की है.

दूसरी ओर होउ ने 48 घंटे के अंदर ही फिर वरिष्ठ नेताओं, पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल एवं झल नाथ खनाल से भेंट की थी.

दअरसल संकट में फंसे प्रधानमंत्री ओली तथा सत्तारूढ़ दल के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की अगुवाई वाले गुट के बीच सत्ता साझेदारी पर लगातार बातचीत चल रही है.

रविवार को चीनी राजदूत ने वरिष्ठ एनसीपी नेता माधव कुमार नेपाल से मुलाकात की थी और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की थी. उन्होंने उसी दिन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात की थी.

यह पहली बार नहीं है कि चीनी राजदूत ने संकट के समय नेपाल के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप किया है.

करीब डेढ़ महीने पहले जब एनसीपी की अंदरूनी कलह शीर्ष पर पहुंच गयी थी तब होउ ने राष्ट्रपति भंडारी, प्रधानमंत्री ओली तथा एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड एवं माधव नेपाल से अलग अलग बैठकें की थी.

काठमांडू : नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बुधवार को होने वाली अहम बैठक एक बार फिर टल गई है. अब यह बैठक शुक्रवार को होगी. नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के प्रेस सलाहकार ने यह जानकारी दी है.

इस बैठक में प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के राजनीतिक भविष्य पर फैसला होना था. ओली की कार्यशैली तथा भारत विरोधी बयानों के चलते उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है. दूसरी ओर पार्टी के दो धड़ों में मतभेद भी गहरा गए हैं. इन धड़ों में से एक की अगुवाई ओली कर रहे हैं तथा दूसरे धड़े के नेता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' हैं.

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक बुधवार को होनी थी और अब यह शुक्रवार को होगी.

पढ़ें-नेपाल : ओली-प्रचंड का गतिरोध बरकरार, आठ जुलाई तक टली स्थाई समिति की बैठक

प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बैठक के शुक्रवार तक स्थगित होने की घोषणा की. यह चौथी बार है जब बैठक स्थगित हुई है. हालांकि बैठक टलने की कोई वजह नहीं बताई गई है.

प्रधानमंत्री 68 वर्षीय ओली पर इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव के बीच नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी ने उन्हें बचाने के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं के साथ मंगलवार को संवाद तेज कर दिया.

एनसीपी में ओली और प्रचंड गुटों के बीच मनमुटाव तब और तेज हो गया जब प्रधानमंत्री ने गुरुवार को संसद का बजट सत्र स्थगित करने का एकतरफा निर्णय लिया. प्रचंड गुट प्रधानमंत्री पद से ओली के इस्तीफे की मांग कर रहा है. इस गुट ने उनसे प्रधानमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष दोनों ही पदों से इस्तीफा मांगा है, लेकिन ओली कोई भी पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल भी ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ओली के हाल के भारत विरोधी बयान न तो राजनीतिक रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक तौर पर उचित.

ओेली पर प्रधानमंत्री पद तथा पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने का दबाव है क्योंकि एनसीपी के अधिकतर नेता यही चाहते हैं.

माय रिपब्लिका अखबार के मुताबिक अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए ओली और प्रचंड ने कई दौर की बातचीत की है.

दूसरी ओर होउ ने 48 घंटे के अंदर ही फिर वरिष्ठ नेताओं, पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल एवं झल नाथ खनाल से भेंट की थी.

दअरसल संकट में फंसे प्रधानमंत्री ओली तथा सत्तारूढ़ दल के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की अगुवाई वाले गुट के बीच सत्ता साझेदारी पर लगातार बातचीत चल रही है.

रविवार को चीनी राजदूत ने वरिष्ठ एनसीपी नेता माधव कुमार नेपाल से मुलाकात की थी और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की थी. उन्होंने उसी दिन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात की थी.

यह पहली बार नहीं है कि चीनी राजदूत ने संकट के समय नेपाल के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप किया है.

करीब डेढ़ महीने पहले जब एनसीपी की अंदरूनी कलह शीर्ष पर पहुंच गयी थी तब होउ ने राष्ट्रपति भंडारी, प्रधानमंत्री ओली तथा एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड एवं माधव नेपाल से अलग अलग बैठकें की थी.

Last Updated : Jul 8, 2020, 4:36 PM IST
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