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नेपाल के मंत्री ने देउबा मंत्रिमंडल में शामिल होने के दो दिन बाद दिया इस्तीफा - गजेंद्र बहादुर हमाल

नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री गजेंद्र बहादुर हमाल ने अपनी नियुक्ति पर विवाद के कारण मंत्रिमंडल में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने के 48 घंटे बाद रविवार को इस्तीफा दे दिया.

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Published : Oct 10, 2021, 8:42 PM IST

काठमांडू : सूत्रों के अनुसार नेपाल के मंत्री गजेंद्र बहादुर हमाल ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को सौंप दिया. जिन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. नेपाली कांग्रेस के जिला स्तर के नेता हमाल के बारे में खबरें आई थी कि उन्हें मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की सिफारिश पर मंत्री नियुक्त किया गया, जो उनके बहनोई लगते हैं.

हमाल को मंत्री बनाए जाने से नेपाली कांग्रेस के भीतर भी उथल-पुथल शुरू हो गई और कई सदस्यों ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों को कम करने वाला कदम बताया. हमाल संसद के निचले या उच्च सदन के सदस्य भी नहीं हैं. हालांकि संविधान में एक प्रावधान है कि कोई भी छह महीने की अवधि के लिए कैबिनेट सदस्य बन सकता है, भले ही वह सांसद न हो.

हमाल ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि वर्तमान में, विभिन्न मीडिया में आई खबरों ने मेरी नियुक्ति को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और इस तरह की खबरों ने लोकतंत्र, कानून के शासन और राज्य के अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के लिए मेरे वर्षों के संघर्ष को कमतर दिखाया है.

यह भी पढ़ें-ब्रिटिश मंत्री प्रीति पटेल सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ विशेष कानून चाहती हैं

उन्होंने लिखा है कि मेरी नियुक्ति पर सवाल उठाया गया है, इसलिए मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि इस तरह की अटकलों के बीच मेरे लिए मंत्री के रूप में बने रहना उचित नहीं है. प्रधानमंत्री देउबा ने 13 जुलाई को कार्यभार संभालने के करीब तीन महीने बाद शुक्रवार को हमाल समेत 18 मंत्रियों की नियुक्ति की थी.

(पीटीआई-भाषा)

काठमांडू : सूत्रों के अनुसार नेपाल के मंत्री गजेंद्र बहादुर हमाल ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को सौंप दिया. जिन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. नेपाली कांग्रेस के जिला स्तर के नेता हमाल के बारे में खबरें आई थी कि उन्हें मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की सिफारिश पर मंत्री नियुक्त किया गया, जो उनके बहनोई लगते हैं.

हमाल को मंत्री बनाए जाने से नेपाली कांग्रेस के भीतर भी उथल-पुथल शुरू हो गई और कई सदस्यों ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों को कम करने वाला कदम बताया. हमाल संसद के निचले या उच्च सदन के सदस्य भी नहीं हैं. हालांकि संविधान में एक प्रावधान है कि कोई भी छह महीने की अवधि के लिए कैबिनेट सदस्य बन सकता है, भले ही वह सांसद न हो.

हमाल ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि वर्तमान में, विभिन्न मीडिया में आई खबरों ने मेरी नियुक्ति को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और इस तरह की खबरों ने लोकतंत्र, कानून के शासन और राज्य के अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के लिए मेरे वर्षों के संघर्ष को कमतर दिखाया है.

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उन्होंने लिखा है कि मेरी नियुक्ति पर सवाल उठाया गया है, इसलिए मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि इस तरह की अटकलों के बीच मेरे लिए मंत्री के रूप में बने रहना उचित नहीं है. प्रधानमंत्री देउबा ने 13 जुलाई को कार्यभार संभालने के करीब तीन महीने बाद शुक्रवार को हमाल समेत 18 मंत्रियों की नियुक्ति की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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