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नवाज शरीफ ने तत्काल पाकिस्तान वापसी के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा कि उनका स्वास्थ्य अभी ऐसा नहीं है कि वह लंदन से वापस लौटकर 10 सितंबर तक भ्रष्टाचार के एक मामले में आत्मसमर्पण कर सकें.

Nawaz Sharif
नवाज शरीफ
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Published : Sep 9, 2020, 9:57 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में एक याचिका दायर कर कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति उन्हें लंदन से घर लौटने और 10 सितंबर तक भ्रष्टाचार के मामले में आत्मसमर्पण करने की अनुमति नहीं देती. पिछले हफ्ते आईएचसी ने पूर्व प्रधानमंत्री को आत्मसमर्पण करने के लिए आखिरी मौका देते हुए 10 सितंबर को अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई के लिए न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ऐसा नहीं करने पर वह उन्हें फरार मानकर कानूनी कार्रवाई करेगी. पिछले साल नवंबर में लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें हृदय रोग और एक प्रतिरक्षा प्रणाली विकार के इलाज के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी. तब से 70 साल के शरीफ से लंदन में हैं. तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज को अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में सात साल की सजा सुनाई गई थी.

नवाज अभी भी कॉमरेडिटी नामक बीमारी से पीड़ित
द डॉन अखबार ने बताया कि नवाज के वकील ख्वाजा हरिश अहमद ने बुधवार को समीक्षा याचिका दायर की और लंदन स्थित कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ डेविड लॉरेंस द्वारा सत्यापित नवाज की नवीनतम मेडिकल फाइलें प्रस्तुत कीं. अहमद ने याचिका में बताया है कि नवाज अभी भी कॉमरेडिटी नामक बीमारी से पीड़ित हैं. कोरोनो वायरस महामारी के कारण लंदन में उनके उपचार में देरी हो गई है. सभी डॉक्टरों ने दृढ़ता से सलाह दी है कि वह अपना इलाज कराए बिना पाकिस्तान की यात्रा न करें. पाकिस्तान वापस लौटना पीएमएल-एन सुप्रीमो के लिए घातक हो सकता है. याचिका में कहा गया है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 423 के तहत शरीफ को फैसला होने तक शारीरिक रूप से उपस्थित होने की कोई आवश्यकता नहीं है.

पाकिस्तान सरकार पहले ही शरीफ को घोषित कर चुकी है फरार
द डॉन अखबार की रिपोर्ट में अहमद के हवाले से कहा गया है कि कल्पना के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 423 के तहत अदालत के समक्ष अपीलकर्ता की उपस्थिति पर जोर नहीं दिया जाता, खासकर तब जब उपस्थिति से उसे जान का खतरा हो. याचिका में अदालत से पूर्व प्रधानमंत्री के आत्मसमर्पण के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया गया है. पाकिस्तान सरकार पहले ही शरीफ को फरार घोषित कर चुकी है और उनके प्रत्यर्पण के लिए यूके सरकार से संपर्क कर चुकी है. प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार शहजाद अकबर ने पिछले महीने ही कहा था कि चिकित्सा आधार पर शरीफ की चार सप्ताह की जमानत पिछले साल दिसंबर में समाप्त हो गई थी. अकबर ने कहा कि सरकार शरीफ के प्रत्यर्पण को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को बोलेगी.

परिवार के साथ चाय पीने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल

मई में शरीफ की लंदन के एक कैफे में उनके परिवार के साथ चाय पीने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं थीं, जिसके बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति की गंभीरता पर बहस छिड़ गई थी. सरकार तब और आलोचना के घेरे में आ गई, जब पिछले हफ्ते शरीफ की तस्वीरें ऑनलाइन सामने आईं, जिसमें उन्हें सड़क पर टहलते हुए दिखाया गया. इससे सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के भीतर से उन्हें वापस बुलाने की मांग उठने लगी.

पढ़ें-कमला हैरिस का भविष्य में राष्ट्रपति बनना अमेरिका का अपमान होगा : ट्रंप

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में एक याचिका दायर कर कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति उन्हें लंदन से घर लौटने और 10 सितंबर तक भ्रष्टाचार के मामले में आत्मसमर्पण करने की अनुमति नहीं देती. पिछले हफ्ते आईएचसी ने पूर्व प्रधानमंत्री को आत्मसमर्पण करने के लिए आखिरी मौका देते हुए 10 सितंबर को अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई के लिए न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ऐसा नहीं करने पर वह उन्हें फरार मानकर कानूनी कार्रवाई करेगी. पिछले साल नवंबर में लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें हृदय रोग और एक प्रतिरक्षा प्रणाली विकार के इलाज के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी. तब से 70 साल के शरीफ से लंदन में हैं. तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज को अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में सात साल की सजा सुनाई गई थी.

नवाज अभी भी कॉमरेडिटी नामक बीमारी से पीड़ित
द डॉन अखबार ने बताया कि नवाज के वकील ख्वाजा हरिश अहमद ने बुधवार को समीक्षा याचिका दायर की और लंदन स्थित कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ डेविड लॉरेंस द्वारा सत्यापित नवाज की नवीनतम मेडिकल फाइलें प्रस्तुत कीं. अहमद ने याचिका में बताया है कि नवाज अभी भी कॉमरेडिटी नामक बीमारी से पीड़ित हैं. कोरोनो वायरस महामारी के कारण लंदन में उनके उपचार में देरी हो गई है. सभी डॉक्टरों ने दृढ़ता से सलाह दी है कि वह अपना इलाज कराए बिना पाकिस्तान की यात्रा न करें. पाकिस्तान वापस लौटना पीएमएल-एन सुप्रीमो के लिए घातक हो सकता है. याचिका में कहा गया है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 423 के तहत शरीफ को फैसला होने तक शारीरिक रूप से उपस्थित होने की कोई आवश्यकता नहीं है.

पाकिस्तान सरकार पहले ही शरीफ को घोषित कर चुकी है फरार
द डॉन अखबार की रिपोर्ट में अहमद के हवाले से कहा गया है कि कल्पना के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 423 के तहत अदालत के समक्ष अपीलकर्ता की उपस्थिति पर जोर नहीं दिया जाता, खासकर तब जब उपस्थिति से उसे जान का खतरा हो. याचिका में अदालत से पूर्व प्रधानमंत्री के आत्मसमर्पण के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया गया है. पाकिस्तान सरकार पहले ही शरीफ को फरार घोषित कर चुकी है और उनके प्रत्यर्पण के लिए यूके सरकार से संपर्क कर चुकी है. प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार शहजाद अकबर ने पिछले महीने ही कहा था कि चिकित्सा आधार पर शरीफ की चार सप्ताह की जमानत पिछले साल दिसंबर में समाप्त हो गई थी. अकबर ने कहा कि सरकार शरीफ के प्रत्यर्पण को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को बोलेगी.

परिवार के साथ चाय पीने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल

मई में शरीफ की लंदन के एक कैफे में उनके परिवार के साथ चाय पीने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं थीं, जिसके बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति की गंभीरता पर बहस छिड़ गई थी. सरकार तब और आलोचना के घेरे में आ गई, जब पिछले हफ्ते शरीफ की तस्वीरें ऑनलाइन सामने आईं, जिसमें उन्हें सड़क पर टहलते हुए दिखाया गया. इससे सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के भीतर से उन्हें वापस बुलाने की मांग उठने लगी.

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