नई दिल्ली : 15 नवंबर को 'तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान' क्षेत्र में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भारत ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी. प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पाकिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज कराया है. भारत ने कहा कि इस्लामाबाद द्वारा क्षेत्र पर अवैध कब्जे को छिपाने के लिए दिखावे की कार्रवाई की जा रही है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद क्षेत्र में चुनाव कराने जैसे कार्यों से केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हिस्से पर अवैध कब्जे को न तो छिपाया जा सकता है न ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में लोगों के घोर मानवाधिकार उल्लंघनों और शोषण की बात को ढका जा सकता है.
भारत के अभिन्न अंग हैं गिलगित और बाल्टिस्तान
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि संघ शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका, जिसमें तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल है, वह 1947 के विलय की संधि के मुताबिक भारत के अभिन्न अंग है. बता दें, पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में 15 नवम्बर को चुनाव की घोषणा की है.
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पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का उस क्षेत्र पर कोई अधिकार नहीं है. जिस पर उसने अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है. कहा कि इस तरह के कार्यों से संघ शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हिस्से पर न तो अवैध कब्जे को छिपाया जा सकता है न ही सात दशकों से पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों के गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों, शोषण और स्वतंत्रता से वंचित किए जाने के मामले को ढका जा सकता है.
अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करे पाक
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह महज दिखावे वाले कार्य हैं, ताकि अवैध कब्जे को छिपाया जा सके. हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह अपने अधीन सभी अवैध कब्जे वाले स्थानों को खाली करें. गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव पहले 18 अगस्त को होने थे, लेकिन पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस महामारी के चलते 11 जुलाई को चुनाव स्थगित कर दिए थे.