नई दिल्ली: विवादित इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाईक की मलेशिया में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. मलेशिया मीडिया के अनुसार, प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद उनकी स्थायी नागरिकता को रद्द कर रकते हैं. लेकिन ऐसा तभी होगा जब यह साबित किया जाए कि उनके कामों से देश को नुकसान पहुंच रहा है.
पुलिस अब जाकिर नाईक को लेकर जांच में जुट गई है. अगर जाकिर नाइक के किसी भी चीज से मलेशिया को नुकसान हो रहा होगा तो उनकी नागरिकता छीन ली जाएगी.
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अगर ऐसा होता है तो भारत की बड़ी जीत होगी. भारतीय जांच एजेंसिया बहुत वक्त से जाकिर नाइक को भड़काऊ बयान समेत गैरकानूनी गतिविधियां में भारत लाना चाहती है. ऐसे में नाइक को भारत लाने में आसानी होगी.
इस मामले पर नाईक ने एक धार्मिकार्यक्रम में कहा कि पहले मलेशिया से चीनी लोग वापस क्योंकि वह देश के पुराने मेहमान हैं.
अपने भाषण में नाईक ने भारतीय मुस्लिमों की मलेशिया के हिंदूओं से तुलना की. नाईक ने कहा, भारत में मुस्लिमों की तुलना में मलेशिया में हिंदूओं को शत प्रतिशत अधिकार प्रप्त हैं.
आपको बता दें नाईक को नागरिकता मलेशिया की पिछली सरकार ने दी थी और वह वहां पर पिछले तान साल से रह रहे हैं. नाईक पर भारत में भड़काऊ भाषण देकर उकसाने और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का मुकदमा चल रहा है.
गौरतलब है कि 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमले मामले में नाईक पर भारत और बांग्लादेश में जांच हो रही है.
भारत ने नाईक को भारत वापस लाने की कोशिश में है.
हालांकि इस पर महातिर ने कहा कि मलेशिया के पास अधिकार हैं कि वह भारत की नाईक को भारत भेजने की मांग को ठुकरा सकते हैं. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि नाईक को लगता है कि उन्हे भारत में न्याय नहीं मिलेगा.