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ओली के संदेश में पुराने मानचित्र पर लोगों की नाराजगी - विजयदशमी की शुभकामनाएं

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने देशवासियों को दशहरे के शुभकामनाएं दी, हालांकि शुभकामना संदेश में उन्होंने भारत के तीन क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाने वाले अद्यतन मानचित्र को नहीं दिखाया, देशवासी उनसे नाराज हो गए हैं.

के पी शर्मा ओली
के पी शर्मा ओली
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Published : Oct 24, 2020, 10:43 PM IST

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के दशहरे के शुभकामना संदेश में भारत के तीन क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाने वाले अद्यतन मानचित्र को नहीं दिखाने पर देशवासी उनसे नाराज हो गए हैं और ओली की आलोचना कर रहे हैं.

हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस आरोपों को खारिज किया और कहा कि संशोधित मानचित्र का आकार छोटा है और इस लिए वह दिख नहीं रहा है.

जून में नेपाल की संसद ने देश के नए मानचित्र को मंजूरी दी थी जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का भाग है. ओली ने शुक्रवार को ट्विटर पर नेपाल के लोगों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दी.

फेसबुक और ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली ने भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल के साथ मुलाकात के बाद जानबूझकर संशोधित मानचित्र हटा दिया.

मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता विश्व प्रकाश शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री के शुभकामना संदेश में पुराना मानचित्र है, जिसमें लिंपियाधुरा शामिल नहीं है. यह सामान्य गलती कैसे हो सकती है?

पढ़ें- रॉ प्रमुख से मुलाकात के बाद नेपाली पीएम का बदला रुख, ट्वीट किया पुराना नक्शा

बहुत से लोगों ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पूछा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उस मानचित्र से सरकारी चिह्न क्यों हटा लिया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा शामिल है.

आलोचना का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री के संदेश में संशोधित मानचित्र का प्रयोग किया गया था, लेकिन अत्यंत छोटा होने के कारण वह नजर नहीं आ रहा.

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के दशहरे के शुभकामना संदेश में भारत के तीन क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाने वाले अद्यतन मानचित्र को नहीं दिखाने पर देशवासी उनसे नाराज हो गए हैं और ओली की आलोचना कर रहे हैं.

हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस आरोपों को खारिज किया और कहा कि संशोधित मानचित्र का आकार छोटा है और इस लिए वह दिख नहीं रहा है.

जून में नेपाल की संसद ने देश के नए मानचित्र को मंजूरी दी थी जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का भाग है. ओली ने शुक्रवार को ट्विटर पर नेपाल के लोगों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दी.

फेसबुक और ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली ने भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल के साथ मुलाकात के बाद जानबूझकर संशोधित मानचित्र हटा दिया.

मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता विश्व प्रकाश शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री के शुभकामना संदेश में पुराना मानचित्र है, जिसमें लिंपियाधुरा शामिल नहीं है. यह सामान्य गलती कैसे हो सकती है?

पढ़ें- रॉ प्रमुख से मुलाकात के बाद नेपाली पीएम का बदला रुख, ट्वीट किया पुराना नक्शा

बहुत से लोगों ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पूछा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उस मानचित्र से सरकारी चिह्न क्यों हटा लिया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा शामिल है.

आलोचना का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री के संदेश में संशोधित मानचित्र का प्रयोग किया गया था, लेकिन अत्यंत छोटा होने के कारण वह नजर नहीं आ रहा.

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