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क्षुद्रग्रह के नमूने लेकर जापान का कैप्सूल ऑस्ट्रेलिया में उतरा

जापान का कैप्सूल क्षुद्रग्रह के नमूने लेकर धरती पर लौट आया है. यह कैप्सूल दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के दूरदराज इलाके में उतरा. इन नमूनों से सौरमंडल और पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के संबंध में जानकारियां मिल सकती हैं.

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Published : Dec 6, 2020, 5:12 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 6:27 PM IST

जापान का कैप्सूल
जापान का कैप्सूल

टोक्यो : जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि उनकी हेलीकॉप्टर तलाश टीम को वह कैप्सूल मिल गया है, जो अंतरिक्ष से क्षुद्रग्रह के नमूने लेकर धरती पर लौटा है.

पैराशूट से उतरा
पैराशूट से उतरा

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन नमूनों से जीवन की उत्पत्ति की व्याख्या हो सकती है. यह कैप्सूल योजना के अनुसार दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के एक दूरदराज इलाके में उतरा है.

कैप्सूल के पास टीम
कैप्सूल के पास टीम

कैप्सूल के धरती पर उतरने के करीब चार घंटे बाद अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट किया, 'उतरने के स्थान से कैप्सूल को हासिल करने का काम पूरा हो गया. हमने आज के दिन के लिए काफी अभ्यास किया था और यह काम सुरक्षित तरीके से संपन्न हो गया.'

सुरक्षित रखा गया
सुरक्षित रखा गया

पढ़ें- पृथ्वी के पास से गुजरा एसयूवी आकार का क्षुद्रग्रह

खुलेंगे सौरमंडल और पृथ्वी पर जीवन के राज

'जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी' ने बताया कि हायाबुसा2 यान ने शनिवार को सफलतापूर्वक एक छोटे कैप्सूल को छोड़ा और उसे पृथ्वी की तरफ भेजा ताकि वह नमूनों को यहां पहुंचा सके. इन नमूनों से सौरमंडल और पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के संबंध में जानकारियां मिल सकती हैं.

कैप्सूल के धरती पर उतरने की घटना को देखने के लिए लोग उत्सुक दिखे.

कैप्सूल रविवार तड़के पृथ्वी से 120 किलोमीटर ऊपर वायुमंडल में पुन: प्रवेश के दौरान कुछ समय के लिए एक फायरबॉल (आग के गोले) में तब्दील हो गया. जमीन से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर एक पैराशूट खुला ताकि इसके गिरने की गति धीमी हो सके और इसे तय स्थान पर उतरने के संकेत मिले.

टोक्यो : जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि उनकी हेलीकॉप्टर तलाश टीम को वह कैप्सूल मिल गया है, जो अंतरिक्ष से क्षुद्रग्रह के नमूने लेकर धरती पर लौटा है.

पैराशूट से उतरा
पैराशूट से उतरा

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन नमूनों से जीवन की उत्पत्ति की व्याख्या हो सकती है. यह कैप्सूल योजना के अनुसार दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के एक दूरदराज इलाके में उतरा है.

कैप्सूल के पास टीम
कैप्सूल के पास टीम

कैप्सूल के धरती पर उतरने के करीब चार घंटे बाद अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट किया, 'उतरने के स्थान से कैप्सूल को हासिल करने का काम पूरा हो गया. हमने आज के दिन के लिए काफी अभ्यास किया था और यह काम सुरक्षित तरीके से संपन्न हो गया.'

सुरक्षित रखा गया
सुरक्षित रखा गया

पढ़ें- पृथ्वी के पास से गुजरा एसयूवी आकार का क्षुद्रग्रह

खुलेंगे सौरमंडल और पृथ्वी पर जीवन के राज

'जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी' ने बताया कि हायाबुसा2 यान ने शनिवार को सफलतापूर्वक एक छोटे कैप्सूल को छोड़ा और उसे पृथ्वी की तरफ भेजा ताकि वह नमूनों को यहां पहुंचा सके. इन नमूनों से सौरमंडल और पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के संबंध में जानकारियां मिल सकती हैं.

कैप्सूल के धरती पर उतरने की घटना को देखने के लिए लोग उत्सुक दिखे.

कैप्सूल रविवार तड़के पृथ्वी से 120 किलोमीटर ऊपर वायुमंडल में पुन: प्रवेश के दौरान कुछ समय के लिए एक फायरबॉल (आग के गोले) में तब्दील हो गया. जमीन से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर एक पैराशूट खुला ताकि इसके गिरने की गति धीमी हो सके और इसे तय स्थान पर उतरने के संकेत मिले.

Last Updated : Dec 6, 2020, 6:27 PM IST
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