जकार्ता : जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा अपनी पहली विदेश यात्रा के दूसरे चरण के तहत मंगलवार को इंडोनेशिया पहुंचे. सुगा की इस यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में चीन के खिलाफ अपनी सरकार के उद्देश्यों को रेखांकित करना है. सुगा दक्षिणपूर्व एशिया के दो देशों की चार दिवसीय यात्रा के बीच में वियतनाम से यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि दोनों दक्षिण एशियाई देश मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने पर सहमत हैं. यह चीन के बढ़ते प्रभाव और दक्षिण चीन सागर को लेकर अन्य सरकारों के साथ विवादों में चीनी हठधर्मिता का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण है.
आसियान देशों पर जापान का खास ध्यान
जापान अपने मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत दृष्टि को आगे बढ़ाने में सहयोग के लिए दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सदस्य देशों पर जोर दे रहा है. जापान यह बात सामने रखना चाहता है कि चीन के विपरीत वह नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सम्मान करता है, जो अपने व्यापक दावों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसलों को मानने से इनकार करता है. उम्मीद की जा रही है कि सुगा कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए उपायों और महामारी से प्रभावित इंडोनेशियाई अर्थव्यवस्था को जापान के संभावित सहयोग पर चर्चा कर सकते हैं.
इंडोनेशिया के साथ रक्षा संबंधों पर होगी बात
जापान इंडोनेशिया के साथ अपने रक्षा संबंधों को गहरा करने के साथ ही रक्षा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते को आगे बढ़ाना चाहता है. जापान ने सोमवार को वियतनाम के साथ एक ऐसे ही समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जापान के अमेरिका, ब्रिटेन, फिलिपींस और मलेशिया सहित एक दर्जन देशों के साथ रक्षा उपकरण हस्तांतरण समझौते हैं. जकार्ता के बाहर बोगोर में राष्ट्रपति भवन में एक स्वागत समारोह और पौधरोपण के बाद इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो से सुगा की मुलाकात होगी. सुगा का बुधवार को जापानी कंपनियों से संबंधित लोगों से मिलने और तोक्यो लौटने का कार्यक्रम है. तोक्यो लौटने से पहले वह कालीबाता हीरोज सेमेट्री में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे.