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परमाणु कार्यक्रम : समझौते से पूर्व की स्थिति में जा सकता है ईरान, अमेरिका को चेताया - hassan rouhani

ईरान ने अमेरिका को चोतावनी दी है. ईरान ने साफ कर दिया है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को समझौते से पूर्व की स्थिति में ले जाएगा. जानें क्या है पूरा मामला

हसन रुहानी
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Published : Jul 16, 2019, 2:33 PM IST

तेहरान: ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने सोमवार को कहा कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को उस स्थिति तक ले जा सकता है, जहां वह विश्व शक्तियों के साथ 2015 में हुए ऐतिहासिक समझौते से पहले था.

सरकारी संवाद समिति ईरान के अनुसार एजेंसी के प्रवक्ता बहरूज कमलवंडी ने कहा, ‘अगर यूरोपवासी और अमेरिकी अपने कर्तव्यों को नहीं निभाना चाहते हैं तो हम अपनी प्रतिबद्धताओं में कटौती करेंगे और चार साल पहले की स्थिति में ले जाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘यह कार्रवाई जिद में आकर नहीं की जा रही है. यह कूटनीति को मौका देने के लिये है ताकि दूसरे पक्ष को सद्बुद्धि आए और अपने कर्तव्यों को निभाए.’

इस समझौते के अनुसार ईरान को आर्थिक लाभ और प्रतिबंधों में राहत मिलने की बात कही गई थी, मगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मई 2018 में समझौते से हट गए और इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ कठोर दंडात्मक उपायों को दोहराया.

ब्रुसेल में यूरोपियाई देशों के विदेश मंत्री ने सोमवार को मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने ईरान में चल रहे संकट पर चर्चा की.

बीते रविवार को यूरोपियाई देशों के बीच वार्ता हुई थी, इस दौरान ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे विवाद का मामला गरमाया रहा.

विश्व शक्तियों के साथ साल 2015 में हुए समझौते के तहत ईरान को आर्थिक लाभ और प्रतिबंधों से राहत देने का वादा किया गया था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2018 में समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया और इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ कड़े दंडात्मक कदम फिर से उठाए.

तेहरान: ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने सोमवार को कहा कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को उस स्थिति तक ले जा सकता है, जहां वह विश्व शक्तियों के साथ 2015 में हुए ऐतिहासिक समझौते से पहले था.

सरकारी संवाद समिति ईरान के अनुसार एजेंसी के प्रवक्ता बहरूज कमलवंडी ने कहा, ‘अगर यूरोपवासी और अमेरिकी अपने कर्तव्यों को नहीं निभाना चाहते हैं तो हम अपनी प्रतिबद्धताओं में कटौती करेंगे और चार साल पहले की स्थिति में ले जाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘यह कार्रवाई जिद में आकर नहीं की जा रही है. यह कूटनीति को मौका देने के लिये है ताकि दूसरे पक्ष को सद्बुद्धि आए और अपने कर्तव्यों को निभाए.’

इस समझौते के अनुसार ईरान को आर्थिक लाभ और प्रतिबंधों में राहत मिलने की बात कही गई थी, मगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मई 2018 में समझौते से हट गए और इस्लामी गणतंत्र के खिलाफ कठोर दंडात्मक उपायों को दोहराया.

ब्रुसेल में यूरोपियाई देशों के विदेश मंत्री ने सोमवार को मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने ईरान में चल रहे संकट पर चर्चा की.

बीते रविवार को यूरोपियाई देशों के बीच वार्ता हुई थी, इस दौरान ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे विवाद का मामला गरमाया रहा.

विश्व शक्तियों के साथ साल 2015 में हुए समझौते के तहत ईरान को आर्थिक लाभ और प्रतिबंधों से राहत देने का वादा किया गया था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2018 में समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया और इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ कड़े दंडात्मक कदम फिर से उठाए.

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IRAN-LD NUCLEAR
Iran says may 'reverse' nuclear programme to pre-deal status
         Tehran, Jul 15 (AFP) Iran's atomic energy agency said Monday it could reverse its nuclear programme to its status before curbs were imposed under a landmark 2015 agreement with world powers.
         "If the Europeans and the Americans don't want to carry out their duties... we will decrease our commitments and... reverse the conditions to four years ago," agency spokesman Behrouz Kamalvandi said, quoted by IRNA state news agency.
         "These actions are not out of obstinacy. It is to give diplomacy a chance so that the other side come to their senses and carry out their duties," he added.
         The deal promised economic benefits and sanctions relief to Iran, but US President Donald Trump withdrew from the accord in May 2018 and reimposed tough punitive measures against the Islamic republic.
         Angered that its beleaguered economy is not receiving sanctions relief it believes it was promised under the deal, Iran has intensified sensitive uranium enrichment work.
         European foreign ministers were meeting in Brussels on Monday for crisis talks on the deal.
         On Sunday, the European parties to the deal -- Britain, France and Germany -- called for dialogue as tensions further intensified between Iran and the United States.
         In a statement, the so-called E3 expressed concern the deal was at risk of further unravelling but said it was up to Iran to ensure its survival.
         Iran has repeatedly threatened to leave the deal unless the remaining parties to the agreement bypass US sanctions and deliver the promised benefits. (AFP)
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