इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.
दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के लोगों को उनकी पीड़ा को कम करने, अस्थिरता और लोगों के पलायन को रोकने के साथ-साथ देश के पुनर्निर्माण के लिए तत्काल मानवीय और आर्थिक सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है.
चीनी विदेश मंत्री वांग यी के कतर में तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के एक दिन बाद दोनों नेताओं ने फोन पर बात की. यह ईरान के तेहरान में अफगानिस्तान के पड़ोसियों के विदेश मंत्रियों की दूसरी बैठक से एक दिन पहले हुआ. जिसमें चीन और पाकिस्तान दोनों शामिल होंगे. सितंबर में चीन ने 31 मिलियन अमरीकी डालर की सहायता भेजी थी. जिसमें युद्ध से तबाह राष्ट्र को भोजन और स्वास्थ्य आपूर्ति की जा सके.
इसी तरह पाकिस्तान ने भी अपने पड़ोसी को खाना पकाने के तेल और दवाओं की आपूर्ति भेजी थी. वर्तमान में अफगानिस्तान के पास विदेशी संपत्ति के रूप में लगभग 10 बिलियन अमरीकी डालर हैं, जो ज्यादातर विदेशी खातों में रखे गए हैं, जो अगस्त के मध्य में काबुल में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद जमा हुए हैं.
द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग मंगलवार को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देने पर सहमत हुए, जिनमें आर्थिक बाधा को दूर करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते के दूसरे चरण द्वारा पेश की गई संभावनाओं को मूर्त रूप देना भी शामिल है.
यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान पर बैठक की मेजबानी करने को तैयार ईरान, भारत को नहीं मिला न्योता
बयान के मुताबिक इस दौरान खान ने चीन के कोविड-19 पर सफलतापूर्वक काबू पाने के अलावा पाकिस्तान के साथ टीका सहयोग समेत विकासशील देशों को राहत पहुंचाने के लिए उसकी प्रशंसा की. इमरान खान ने वार्ता के दौरान जलवायु परिवर्तन रोकने में चीन के नेतृत्व की भूमिका को स्वीकार किया और चिनफिंग को इस संबंध में पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी.