वॉशिंग्टन : पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने अमेरिका से राजनीतिक शरण देने का अनुरोध किया है. उनपर राजद्रोह के आरोप है. उन्होंने बताया कि वो श्रीलंका के रास्ते अमेरिका पहुंचीं.
पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने वहां की सेना को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उनका दावा है कि पाकिस्तानी सेना वहां महिलाओं का यौन शोषण करती है. इसके बाद वह देश छोड़कर श्रीलंका के रास्ते अमेरिका पहुंची हैं. उन्होंने अमेरिका में राजनीतिक शरण की गुहार लगाई है.
सामाजिक कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल का कहना है कि जब से उन्होंने पाकिस्तानी सेना के विषय में यह खुलासा किया है उसके बाद से वह न्यूयॉर्क स्थित ब्रुकलिन शहर में अपनी बहन के साथ रह रही हैं.
गुलालाई ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी सरकार से राजनीतिक शरण की गुहार लगाई है. गुलालाई इस्माइल ने बताया कि वो मई में पाकिस्तान को छोड़ दिया और किसी तरह से श्रीलंका के रास्ते होते हुए अमेरिका पहुंचीं.
एक अफगानी पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख को दिए इंटरव्यू में गुलालाई ने बताया कि वो पाकिस्तान में छह माह तक छिपकर रहीं. उसके बाद अपने मित्र की मदद से श्रीलंका पहुंची.
उन्होंने पाकिस्तान सेना के द्वारा यौन शोषण का मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में सेना महिलाओं का शोषण करती है. इस कारण उनको राजद्रोही घोषित कर दिया गया.
32 वर्षीय महिला एक्टिविस्ट पर पिछले महीने देश द्रोह का आरोप लगा है.
इंटरव्यू के दौरान गुलालाई ने कहा कि वो भले ही अमेरिका में रह रही हैं लेकिन वो अभी भी पाकिस्तान में रह रहे अपने माता-पिता और उन लोगों को लेकर चिंतित हैं जिन्होंने उनकी मदद की.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश में जहां सेना की आलोचना करना उनको ललकारने जैसा है. ऐसे में उन्होंने सेना द्वारा महिलाओं के यौन शोषण और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई.
गुलालाई को उस समय मई में देश छोड़ कर भागना पड़ा जब उऩ्होंने सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक पोस्ट डाली.
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अपनी पोस्ट में उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर रेप और महिलाओं के साथ शोषण करने का आरोप लगाया.
इतना ही नहीं वो पश्तून अभियान में भाग ले चुकी हैं. जिसकी अगुवाई मंजू पश्तून ने की थी. यह अभियान भी सेना के लिए एक सरदर्द था.
उन्होंने कहा कि मैं एक युद्ध लड़ रही हूं. ताकि दुनिया जान सके कि पश्तून समुदाय युद्ध पीड़ित है.
अपने ऊपर लगे देश द्रोह के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वो निर्दोष हैं. उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है क्यूंकि वो पाक सेना की क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं.