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उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार का दो परिवारीजनों संग श्रीलंका के सड़क हादसे में निधन

भारतीय भाषा पुरस्कार विजेता का प्रसिद्ध साहित्यकार लेखक गंगा प्रसाद विमल का श्रीलंका में सड़क हादसे में निधन हो गया. इनका अंतिम प्रकाशित उपन्यास 'मानुसखोर' है. पढ़ें पूरा विवरण..

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फाइल फोटो
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Published : Dec 25, 2019, 11:16 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय भाषा पुरस्कार विजेता, हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक गंगा प्रसाद विमल का श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. वह परिवार के साथ श्रीलंका की निजी यात्रा पर गए थे.

विमल के एक पारिवारिक मित्र ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी पार्थिव देह आज देर रात में भारत पहुंचने की संभावना है.

श्रीलंका से आई खबर के अनुसार सोमवार रात में दक्षिणी कुरुंदुगाहेहेतेक्मा इलाके में एक वैन की टक्कर कंटेनर ट्रक से हो गई. विमल अपने परिवार के सदस्यों के साथ वैन में सवार थे. दुर्घटना में उनके दो परिवारीजनों और श्रीलंकाई वाहन चालक की भी मृत्यु हो गई.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान समेत विभिन्न संस्थानों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभा चुके विमल 80 वर्ष के थे. वह लेखक और कवि होने के साथ ही बड़े समीक्षक तथा अनुवादक भी थे.
विमल का जन्म 1939 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुआ था.

उनके प्रसिद्ध कविता संग्रहों में 'बोधि-वृक्ष', 'इतना कुछ', 'सन्नाटे से मुठभेड़', 'मैं वहां हूं' और 'कुछ तो है' आदि हैं. 2013 में प्रकाशित उनका अंतिम उपन्यास 'मानुसखोर' है.

पढ़ें : शशि थरूर व नंदकिशोर आचार्य समेत 23 को साहित्य अकादमी पुरस्कार

विमल के कहानी संग्रह कोई शुरुआत, 'अतीत में कुछ', 'इधर-उधर', 'बाहर न भीतर' और 'खोई हुई थाती' का भी हिंदी साहित्य में अपना स्थान है. उन्होंने उपन्यास, नाटक, आलोचना भी लिखीं तो कई रचनाओं का संपादन कार्य भी किया.

विमल को भारतीय भाषा पुरस्कार, संगीत अकादमी सम्मान समेत अनेक भारतीय पुरस्कारों और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा गया.

नई दिल्ली : भारतीय भाषा पुरस्कार विजेता, हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक गंगा प्रसाद विमल का श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. वह परिवार के साथ श्रीलंका की निजी यात्रा पर गए थे.

विमल के एक पारिवारिक मित्र ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी पार्थिव देह आज देर रात में भारत पहुंचने की संभावना है.

श्रीलंका से आई खबर के अनुसार सोमवार रात में दक्षिणी कुरुंदुगाहेहेतेक्मा इलाके में एक वैन की टक्कर कंटेनर ट्रक से हो गई. विमल अपने परिवार के सदस्यों के साथ वैन में सवार थे. दुर्घटना में उनके दो परिवारीजनों और श्रीलंकाई वाहन चालक की भी मृत्यु हो गई.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान समेत विभिन्न संस्थानों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभा चुके विमल 80 वर्ष के थे. वह लेखक और कवि होने के साथ ही बड़े समीक्षक तथा अनुवादक भी थे.
विमल का जन्म 1939 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुआ था.

उनके प्रसिद्ध कविता संग्रहों में 'बोधि-वृक्ष', 'इतना कुछ', 'सन्नाटे से मुठभेड़', 'मैं वहां हूं' और 'कुछ तो है' आदि हैं. 2013 में प्रकाशित उनका अंतिम उपन्यास 'मानुसखोर' है.

पढ़ें : शशि थरूर व नंदकिशोर आचार्य समेत 23 को साहित्य अकादमी पुरस्कार

विमल के कहानी संग्रह कोई शुरुआत, 'अतीत में कुछ', 'इधर-उधर', 'बाहर न भीतर' और 'खोई हुई थाती' का भी हिंदी साहित्य में अपना स्थान है. उन्होंने उपन्यास, नाटक, आलोचना भी लिखीं तो कई रचनाओं का संपादन कार्य भी किया.

विमल को भारतीय भाषा पुरस्कार, संगीत अकादमी सम्मान समेत अनेक भारतीय पुरस्कारों और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा गया.

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.COLOMBO FGN23
LANKA-INDIA-LD AUTHOR
Renowned Hindi author Ganga Prasad Vimal dies in road accident in Sri Lanka
         Colombo, Dec 25 (PTI) Renowned Hindi author Ganga Prasad Vimal and his two family members were killed in a road accident in southern Sri Lanka, police said on Wednesday.
          The 80-year-old author was travelling along with his family in a van, which crashed into a container truck from behind on the Southern Expressway in Kurundugahahathapma area on Monday night, they said.
          Vimal and two of his family members were killed on the spot while a local driver died on the way to hospital. Two more persons sustained injuries.
          The van was heading towards Colombo from the southern port town of Galle when the accident took place, police said.
          Born in 1939 in Uttarkashi, a Himalayan town in Uttarakhand, Vimal held key responsibilities in Jawaharlal Nehru University, Delhi University and Kendriya Hindi Sansthan, Agra.
          He wrote more than one dozen poetry collections, short story collections and novels. His last novel, Manushkhor, was published in 2013. He received several Hindi literary awards. PTI CORR PMS ZH
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