नई दिल्ली : भारतीय भाषा पुरस्कार विजेता, हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक गंगा प्रसाद विमल का श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. वह परिवार के साथ श्रीलंका की निजी यात्रा पर गए थे.
विमल के एक पारिवारिक मित्र ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी पार्थिव देह आज देर रात में भारत पहुंचने की संभावना है.
श्रीलंका से आई खबर के अनुसार सोमवार रात में दक्षिणी कुरुंदुगाहेहेतेक्मा इलाके में एक वैन की टक्कर कंटेनर ट्रक से हो गई. विमल अपने परिवार के सदस्यों के साथ वैन में सवार थे. दुर्घटना में उनके दो परिवारीजनों और श्रीलंकाई वाहन चालक की भी मृत्यु हो गई.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान समेत विभिन्न संस्थानों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभा चुके विमल 80 वर्ष के थे. वह लेखक और कवि होने के साथ ही बड़े समीक्षक तथा अनुवादक भी थे.
विमल का जन्म 1939 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुआ था.
उनके प्रसिद्ध कविता संग्रहों में 'बोधि-वृक्ष', 'इतना कुछ', 'सन्नाटे से मुठभेड़', 'मैं वहां हूं' और 'कुछ तो है' आदि हैं. 2013 में प्रकाशित उनका अंतिम उपन्यास 'मानुसखोर' है.
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विमल के कहानी संग्रह कोई शुरुआत, 'अतीत में कुछ', 'इधर-उधर', 'बाहर न भीतर' और 'खोई हुई थाती' का भी हिंदी साहित्य में अपना स्थान है. उन्होंने उपन्यास, नाटक, आलोचना भी लिखीं तो कई रचनाओं का संपादन कार्य भी किया.
विमल को भारतीय भाषा पुरस्कार, संगीत अकादमी सम्मान समेत अनेक भारतीय पुरस्कारों और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा गया.