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श्रीलंका के पूर्व PM विक्रमसिंघे ने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला लिया - श्रीलंका पीपुल्स पार्टी

यूनाइटेड नेशनल पार्टी के महासचिव अकिला विराज करियावासम ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गत पांच अगस्त को चुनाव में हार के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का सोमवार को निर्णय लिया. विक्रमसिंघे दिसम्बर 1994 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं.

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Published : Aug 10, 2020, 8:27 PM IST

कोलंबोः श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गत पांच अगस्त को चुनाव में यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की हार के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का सोमवार को निर्णय लिया.

पार्टी के महासचिव अकिला विराज करियावासम ने पत्रकारों को बताया कि विक्रमसिंघे (70) ने इस्तीफा देने का फैसला किया है.

करियावासम ने इस पद के लिए खुद और तीन अन्य संभावित दावेदारों के नाम बताये हैं. विक्रमसिंघे दिसम्बर 1994 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) के बुधवार को हुए संसदीय चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया.

पढ़ेंः एक बड़ी राजनीतिक जीत जिसने श्रीलंका में वंशवाद की राजनीति को गहरा किया

एसएलपीपी ने पांच अगस्त को हुए आम चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 225 सदस्यीय संसद में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया.

एसएलपीपी सरकार के सदन में 150 सदस्य हैं और विपक्षी सदस्यों की संख्या 75 है.

कोलंबोः श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गत पांच अगस्त को चुनाव में यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की हार के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का सोमवार को निर्णय लिया.

पार्टी के महासचिव अकिला विराज करियावासम ने पत्रकारों को बताया कि विक्रमसिंघे (70) ने इस्तीफा देने का फैसला किया है.

करियावासम ने इस पद के लिए खुद और तीन अन्य संभावित दावेदारों के नाम बताये हैं. विक्रमसिंघे दिसम्बर 1994 से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) के बुधवार को हुए संसदीय चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया.

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एसएलपीपी ने पांच अगस्त को हुए आम चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 225 सदस्यीय संसद में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया.

एसएलपीपी सरकार के सदन में 150 सदस्य हैं और विपक्षी सदस्यों की संख्या 75 है.

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