यरूशलम: इजराइल के शुरुआती चरण के चुनाव परिणाम सामने आने के बाद इस्लामिक मिलिटेंट समूह हमास, गाजा के निवासियों समेत वैस्ट बैंक के रहने वाले लोगों ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.
बता दें कि शुरुआती चुनाव परिणाम में कुल 97.4 प्रतिशत मतों की गिनती हुई. इसके बाद इजरायल के दक्षिण पंथी राजनीतिक गठबंधन- लिकुड और इसके परंपरागत राजनीतिक सहयोगियों के पक्ष में 65 से 55 फीसदी मतदान होने की सूचना है.
इन नतीजों के तहत बेंजामिन नेतन्याहू के लगातार पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है.
इस परिणाम से इजरायल का दक्षिण पंथ की ओर झुकाव स्पष्ट होता दिख रहा है. ऐसे में फिलिस्तीन के साथ इसके टकराव में कमी आने के आसार भी कम हुए हैं.
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उग्र चुनावी सभाओं में फिलिस्तीन के मुद्दे का कभी-कभार ही जिक्र किया गया. हालांकि, नेतन्याहू ने अपनी अंतिम भाषण में पहली बार वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने का संकल्प लिया था. दक्षिण पंथ के जनाधार को संगठित करने के लिए ये नेतन्याहू का जोखिम भरा कदम था.
हमास के वरिष्ठ अधिकारी खलिल अल हय्या ने कहा कि उन्हें नेतन्याहू और अन्य उम्मीदवारों की नीतियां एक जैसी लगती हैं. हय्या ने कहा 'इस पार्टी और अन्य पार्टियों में कोई अंतर नहीं है. सभी एक ही सिक्के अलग-अलग पहलू हैं. इनका मकसद कब्जा करना है.'
अरब के नेताओं ने भी नेतन्याहू पर देश के अरब समुदाय को शैतान के रूप में पेश करने का आरोप लगाया है. बता दें कि इजरायल में लगभग 20 प्रतिशत अरब समुदाय है.
अरब क्षेत्र पर नेतन्याहू के हमलों से उनके बहिष्कार की मांग उठी और नतीजतन अरब मतदाताओं ने अपेक्षा से कम मतदान किया.