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परमाणु स्थलों की तस्वीरों से संबंधित समझौते की अवधि बढ़ाने पर ईरान राजी

ईरान के परमाणु स्थलों पर निगरानी कैमरे से संबंधित समझौते को एक महीने के लिए बढ़ाने पर ईरान और संयुक्त राष्ट्र के बीच सहमति बन गई है.

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Published : May 24, 2021, 6:28 PM IST

Updated : May 24, 2021, 9:54 PM IST

तेहरान : ईरान के परमाणु स्थलों पर निगरानी कैमरे से संबंधित समझौते को एक महीने के लिए बढ़ाने पर ईरान और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी निकाय के बीच सोमवार को सहमति बन गई है.

इसके बाद वैश्विक शक्तियों के साथ हुए देश के परमाणु करार को बचाने के लिए चल रही वार्ता के लिए और वक्त मिल गया.

बता दें कि ईरान इस समझौते के तहत निगरानी कैमरों द्वारा अपने परमाणु स्थलों की तस्वीरें लेने की इजाजत देता है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ (ईरान) की आखिरी क्षण की बातचीत से रविवार को निर्धारित बयान टल गया. इससे यह पता चलता है कि अमेरिका एवं अन्य देशों की ईरान के साथ सहमति बनती जा रही है. ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपना कड़ा रूख बनाये हुए है.

ईरान पहले से ही यूरेनियम का संवर्धन एवं भंडारण 2015 के समझौते के तहत उसे मिली इजाजत से कहीं अधिक कर रहा है.

आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रोस्सी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख अली अकबर सालेही के साथ चर्चा के बाद वियना में संवाददाताओं को (कैमरे संबंधी) समझौते की अवधि बढ़ाने के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने माना कि चुनौती अब भी बनी हुई है क्योंकि एजेंसी को उसके कैमरे द्वारा ली गयी तस्वीरों तक अभी पहुंच नहीं है.

ग्रोस्सी ने कहा, 'यह आदर्श स्थिति नहीं है. यह आपात व्यवस्था है जो हम इन निगरानी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अपने लिए लेकर आये हैं.'

आईएईए में ईरान के प्रतिनिधि काजिम घरीबाबादी ने ट्विटर पर इस सौदे की बात मानी और कहा कि ईरान परमाणु ऊर्जा संगठन आईएईए कैमरे द्वारा ली गयी तस्वीरों को संभालकर रखेगा.

ईरान के साथ 'एडिशनल प्रोटोकॉल' नामक एक गोपनीय समझौते के तहत आईएईए ईरानी परमाणु स्थलों पर लगाये गये निगरानी कैमरों की तस्वीरों का विश्लेषण करता है. ये कैमरे उसे यह देखने में मदद करते हैं कि ईरान परमाणु करार का पालन कर रहा है या नहीं.

ईरान की संसद ने दिसंबर में उस विधेयक को मंजूरी दी थी जिसमें कहा गया है कि 2015 के परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देश यदि उसके तेल एवं बैंकिंग क्षेत्र पर लगाई पाबंदियों में फरवरी तक ढील नहीं देंगे तो वह अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा निगरानी व्यवस्था के कुछ हिस्से को निलंबित कर देगा.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों की तस्वीरें प्राप्त करने के लिए फरवरी में ही उसके साथ तीन महीने का समझौता किया था. तेहरान ने कहा था कि कोई समझौता नहीं होने की स्थिति में वह तीन महीने पूरे होने पर इन तस्वीरों को समाप्त कर देगा.

इसे भी पढ़ें : इजराइली पुलिस ने यहूदियों को यरुशलम में टकराव वाले पवित्र स्थल पर जाने की अनुमति दी

तीन महीने की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई.

तेहरान : ईरान के परमाणु स्थलों पर निगरानी कैमरे से संबंधित समझौते को एक महीने के लिए बढ़ाने पर ईरान और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी निकाय के बीच सोमवार को सहमति बन गई है.

इसके बाद वैश्विक शक्तियों के साथ हुए देश के परमाणु करार को बचाने के लिए चल रही वार्ता के लिए और वक्त मिल गया.

बता दें कि ईरान इस समझौते के तहत निगरानी कैमरों द्वारा अपने परमाणु स्थलों की तस्वीरें लेने की इजाजत देता है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ (ईरान) की आखिरी क्षण की बातचीत से रविवार को निर्धारित बयान टल गया. इससे यह पता चलता है कि अमेरिका एवं अन्य देशों की ईरान के साथ सहमति बनती जा रही है. ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपना कड़ा रूख बनाये हुए है.

ईरान पहले से ही यूरेनियम का संवर्धन एवं भंडारण 2015 के समझौते के तहत उसे मिली इजाजत से कहीं अधिक कर रहा है.

आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रोस्सी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख अली अकबर सालेही के साथ चर्चा के बाद वियना में संवाददाताओं को (कैमरे संबंधी) समझौते की अवधि बढ़ाने के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने माना कि चुनौती अब भी बनी हुई है क्योंकि एजेंसी को उसके कैमरे द्वारा ली गयी तस्वीरों तक अभी पहुंच नहीं है.

ग्रोस्सी ने कहा, 'यह आदर्श स्थिति नहीं है. यह आपात व्यवस्था है जो हम इन निगरानी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अपने लिए लेकर आये हैं.'

आईएईए में ईरान के प्रतिनिधि काजिम घरीबाबादी ने ट्विटर पर इस सौदे की बात मानी और कहा कि ईरान परमाणु ऊर्जा संगठन आईएईए कैमरे द्वारा ली गयी तस्वीरों को संभालकर रखेगा.

ईरान के साथ 'एडिशनल प्रोटोकॉल' नामक एक गोपनीय समझौते के तहत आईएईए ईरानी परमाणु स्थलों पर लगाये गये निगरानी कैमरों की तस्वीरों का विश्लेषण करता है. ये कैमरे उसे यह देखने में मदद करते हैं कि ईरान परमाणु करार का पालन कर रहा है या नहीं.

ईरान की संसद ने दिसंबर में उस विधेयक को मंजूरी दी थी जिसमें कहा गया है कि 2015 के परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देश यदि उसके तेल एवं बैंकिंग क्षेत्र पर लगाई पाबंदियों में फरवरी तक ढील नहीं देंगे तो वह अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा निगरानी व्यवस्था के कुछ हिस्से को निलंबित कर देगा.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों की तस्वीरें प्राप्त करने के लिए फरवरी में ही उसके साथ तीन महीने का समझौता किया था. तेहरान ने कहा था कि कोई समझौता नहीं होने की स्थिति में वह तीन महीने पूरे होने पर इन तस्वीरों को समाप्त कर देगा.

इसे भी पढ़ें : इजराइली पुलिस ने यहूदियों को यरुशलम में टकराव वाले पवित्र स्थल पर जाने की अनुमति दी

तीन महीने की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई.

Last Updated : May 24, 2021, 9:54 PM IST
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