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हम्बनटोटा बंदरगाह की सुरक्षा श्रीलंका के हाथों में : चीन

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे हम्बनटोटा बंदरगाह पर संभावित 'सुरक्षा खामियों' की समीक्षा करने के बयान पर चीन ने कहा है कि श्रीलंका की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करता है और हम्बनटोटा समुद्री बंदरगाह की सुरक्षा श्रीलंका के हाथों में है.

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Published : Dec 21, 2019, 6:24 PM IST

कोलंबो : चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह श्रीलंका की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करता है और हम्बनटोटा समुद्री बंदरगाह की सुरक्षा श्रीलंका के हाथों में है.चीन ने यह बात उन खबरों के बीच कही है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति बंदरगाह पर संभावित 'सुरक्षा खामियों' की समीक्षा करना चाहते हैं.'

बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह हम्बनटोटा बंदरगाह के सुरक्षा प्रबंध पर फिर से विचार विमर्श करेंगे, जिसे 2017 में चीन को 99 साल के लिये पट्टे पर दिया गया था۔

उन्होंने कहा कि मैं वाणिज्यिक समझौते पर फिर से वार्ता नहीं करूंगा. मैं सिर्फ उसके सुरक्षा पहलुओं को लेकर चिंतित हूं.

राष्ट्रपति ने कहा कि वह बंदरगाह पर संभावित सुरक्षा खामियों की समीक्षा करना चाहते हैं.

गौरतलब है कि श्रीलंका के समुद्र तट पर 665 एकड़ क्षेत्रफल वाली एक परियोजना का वित्त पोषण चीन ने किया है और एक चीनी कंपनी इसका निर्माण कर रही है.

चीन के दूतावास ने श्रीलंका के राष्ट्रपति की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'चीन एक बार फिर दोहराता है कि वह श्रीलंका की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का बहुत सम्मान करता है . हम्बनटोटा बंदरगाह की सुरक्षा और नियंत्रण पूरी तरह से श्रीलंका सरकार और नौसेना के हाथों में है और श्रीलंका के अन्य तटों पर भी यही व्यवस्था है.

पढ़ें- यूएनएचआरसी के 2015 के प्रस्ताव को मौजूदा स्वरूप में नहीं अपना सकते : श्रीलंका

चीनी दूतावास ने वाणिज्यिक करार पर फिर से वार्ता नहीं करने के राजपक्षे के रुख का भी स्वागत किया.

श्रीलंका की तत्कालीन मैत्रिपाला सिरिसेना सरकार ने 2017 में चीन को हम्बनटोटा बंदरगाह 99 साल के लिए पट्टे पर दिया था. उस समय राजपक्षे ने करार की आलोचना की थी.

कोलंबो : चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह श्रीलंका की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करता है और हम्बनटोटा समुद्री बंदरगाह की सुरक्षा श्रीलंका के हाथों में है.चीन ने यह बात उन खबरों के बीच कही है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति बंदरगाह पर संभावित 'सुरक्षा खामियों' की समीक्षा करना चाहते हैं.'

बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह हम्बनटोटा बंदरगाह के सुरक्षा प्रबंध पर फिर से विचार विमर्श करेंगे, जिसे 2017 में चीन को 99 साल के लिये पट्टे पर दिया गया था۔

उन्होंने कहा कि मैं वाणिज्यिक समझौते पर फिर से वार्ता नहीं करूंगा. मैं सिर्फ उसके सुरक्षा पहलुओं को लेकर चिंतित हूं.

राष्ट्रपति ने कहा कि वह बंदरगाह पर संभावित सुरक्षा खामियों की समीक्षा करना चाहते हैं.

गौरतलब है कि श्रीलंका के समुद्र तट पर 665 एकड़ क्षेत्रफल वाली एक परियोजना का वित्त पोषण चीन ने किया है और एक चीनी कंपनी इसका निर्माण कर रही है.

चीन के दूतावास ने श्रीलंका के राष्ट्रपति की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'चीन एक बार फिर दोहराता है कि वह श्रीलंका की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का बहुत सम्मान करता है . हम्बनटोटा बंदरगाह की सुरक्षा और नियंत्रण पूरी तरह से श्रीलंका सरकार और नौसेना के हाथों में है और श्रीलंका के अन्य तटों पर भी यही व्यवस्था है.

पढ़ें- यूएनएचआरसी के 2015 के प्रस्ताव को मौजूदा स्वरूप में नहीं अपना सकते : श्रीलंका

चीनी दूतावास ने वाणिज्यिक करार पर फिर से वार्ता नहीं करने के राजपक्षे के रुख का भी स्वागत किया.

श्रीलंका की तत्कालीन मैत्रिपाला सिरिसेना सरकार ने 2017 में चीन को हम्बनटोटा बंदरगाह 99 साल के लिए पट्टे पर दिया था. उस समय राजपक्षे ने करार की आलोचना की थी.

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