नई दिल्ली : चीनी आक्रामकता को लेकर भारत में लगातार चिंता बनी हुई है. ताजा घटनाक्रम चीन की समुद्री सीमा से जुड़ा है. चीनी में फंसे भारत के जहाजों को लेकर चीनी प्रवक्ता जी रोंग ने ट्विटर पर कहा, 'चीनी अधिकारियों ने भारतीय पक्ष के साथ संपर्क किया है और भारतीय नाविकों को समय पर सहायता और आवश्यक आपूर्ति प्रदान की गई है. चीन ने कभी भी किसी भी जहाज के जाने पर रोक नहीं लगाई है. असली वजह फ्रेट फारवर्डर है, जो वाणिज्यिक हितों के कारण योजनाओं को समायोजित नहीं करना चाहता है.'
इससे पहले चीन ने 25 दिसंबर को कहा था कि चीनी बंदरगाहों पर फंसे भारतीय नाविकों के मामले और उसके भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ तनावपूर्ण संबंधों का आपस में कोई लेना-देना नहीं है.
भारत सरकार ने बुधवार को एक कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान आश्वासन दिया कि चीन में फंसे 39 भारतीय नाविकों को जल्द ही वापस लाया जाएगा, क्योंकि पड़ोसी देश के साथ कूटनीतिक बातचीत चल रही है,
बोर्ड पर कुल 39 भारतीयों के साथ दो मालवाहक जहाज चीनी जल में लंगर डाले हुए थे, क्योंकि उन्हें अपने माल को उतारने की अनुमति नहीं थी. यह नाविक चीन में पिछले सात महीने से फंसे हैं. हालांकि, कुछ अन्य जहाज ऐसा करने में कामयाब रहे हैं.
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि सरकार चीन में फंसे 39 भारतीय नाविकों को जल्द स्वदेश वापस लाएगी. इसके लिए पड़ोसी देश के साथ राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'इस मामले में कूटनीतिक बातचीत सफलतापूर्वक जारी है. हमारे नाविक जल्द भारत लौटेंगे.'