ETV Bharat / international

रूस का दावा, अमेरिका के कारण भारत से कमजोर हो रही दोस्ती

भारत और रूस की दोस्ती में अमेरिका विलेन बन गया है. ऐसा ही कुछ रूस के विदेश मंत्री मानते हैं. यह पहली बार है, जब रूस ने भारत के साथ संबंधों में कमजोरी की बात की है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

Russian Foreign Minister Sergey Lavrov
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
author img

By

Published : Dec 9, 2020, 10:39 PM IST

मास्को : रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका नीत पश्चिमी देशों पर भारत के साथ रूस की करीबी साझेदारी एवं विशेष संबंधों को कमजोर करने की कोशिश में शामिल रहने का आरोप लगाया है. सरकार संचालित थिंक टैंक रशियन इंटरनेशनल अफेयर्स काउंसिल की एक बैठक को वीडियो लिंक के जरिए मंगलवार को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा कि पश्चिमी देश एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बहाल करना चाहते हैं, जिसमें सभी देश होंगे लेकिन रूस और चीन से वे बाद में निपटेंगे.

चीन विरोधी खेल में भारत को कर रहे शामिल

रूसी विदेश मंत्रालय ने उन्हें उद्धृत करते हुए कहा कि रूस और चीन जैसे ध्रुवों के इसके अधीन होने की संभावना नहीं. हालांकि, भारत अभी पश्चिमी देशों की निरंतर, आक्रामक और कुटिल नीति की एक वस्तु है क्योंकि वे इसे हिंद-प्रशांत रणनीतियों, तथाकथित क्वाड को बढ़ावा देकर चीन विरोधी खेल में शामिल करना चाहते हैं. अमेरिका, जापान, भारत और आस्ट्रेलिया ने 2017 में क्वाड के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया था. यह चतुष्कोणीय गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है.

नई दिल्ली पर बहुत सख्त दबाव

अमेरिका का कहना है कि क्वाड कोई गठबंधन नहीं है, बल्कि ऐसे देशों का समूह है, जो साझा हितों एवं मूल्यों से संचालित होते हैं तथा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करने में रूचि रखते हैं. लावरोव ने कहा कि इस वक्त पश्चिमी देश भारत के साथ हमारी करीबी साझेदारी और विशेष संबंधों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका का लक्ष्य सैन्य एवं तकनीकी सहयोग (रूस के साथ) के क्षेत्र में नई दिल्ली पर बहुत सख्त दबाव बनाने का है.

बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था नहीं चाहता अमेरिका

लावरोव ने कहा कि 2018 में भारत और रूस ने यह घोषणा की थी कि उन्हें अपनी रणनीतिक साझेदारी को एक विशेष रणनीतिक साझेदारी के मुकाम पर पहुंचाया है. अक्टूबर 2018 में भारत ने एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर का एक सौदा किया था. भारत ने अमेरिकी प्रतिबंध लगाये जा सकने की ट्रंप प्रशासन की चेतावनी की परवाह नहीं करते हुए इस पर कदम बढ़ाया था. लावरोव ने कहा कि एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के गठन की कोशिशों को खारिज करते हुए अमेरिका नीत पश्चिमी देशों ने एक खेल शुरू कर दिया है.

मास्को : रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका नीत पश्चिमी देशों पर भारत के साथ रूस की करीबी साझेदारी एवं विशेष संबंधों को कमजोर करने की कोशिश में शामिल रहने का आरोप लगाया है. सरकार संचालित थिंक टैंक रशियन इंटरनेशनल अफेयर्स काउंसिल की एक बैठक को वीडियो लिंक के जरिए मंगलवार को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा कि पश्चिमी देश एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बहाल करना चाहते हैं, जिसमें सभी देश होंगे लेकिन रूस और चीन से वे बाद में निपटेंगे.

चीन विरोधी खेल में भारत को कर रहे शामिल

रूसी विदेश मंत्रालय ने उन्हें उद्धृत करते हुए कहा कि रूस और चीन जैसे ध्रुवों के इसके अधीन होने की संभावना नहीं. हालांकि, भारत अभी पश्चिमी देशों की निरंतर, आक्रामक और कुटिल नीति की एक वस्तु है क्योंकि वे इसे हिंद-प्रशांत रणनीतियों, तथाकथित क्वाड को बढ़ावा देकर चीन विरोधी खेल में शामिल करना चाहते हैं. अमेरिका, जापान, भारत और आस्ट्रेलिया ने 2017 में क्वाड के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया था. यह चतुष्कोणीय गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है.

नई दिल्ली पर बहुत सख्त दबाव

अमेरिका का कहना है कि क्वाड कोई गठबंधन नहीं है, बल्कि ऐसे देशों का समूह है, जो साझा हितों एवं मूल्यों से संचालित होते हैं तथा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करने में रूचि रखते हैं. लावरोव ने कहा कि इस वक्त पश्चिमी देश भारत के साथ हमारी करीबी साझेदारी और विशेष संबंधों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका का लक्ष्य सैन्य एवं तकनीकी सहयोग (रूस के साथ) के क्षेत्र में नई दिल्ली पर बहुत सख्त दबाव बनाने का है.

बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था नहीं चाहता अमेरिका

लावरोव ने कहा कि 2018 में भारत और रूस ने यह घोषणा की थी कि उन्हें अपनी रणनीतिक साझेदारी को एक विशेष रणनीतिक साझेदारी के मुकाम पर पहुंचाया है. अक्टूबर 2018 में भारत ने एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर का एक सौदा किया था. भारत ने अमेरिकी प्रतिबंध लगाये जा सकने की ट्रंप प्रशासन की चेतावनी की परवाह नहीं करते हुए इस पर कदम बढ़ाया था. लावरोव ने कहा कि एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के गठन की कोशिशों को खारिज करते हुए अमेरिका नीत पश्चिमी देशों ने एक खेल शुरू कर दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.