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बच्चों का कोविड टीकाकरण डब्ल्यूएचओ के नजरिए से प्राथमिकता नहीं : टीका विशेषज्ञ

कोरोना के मद्देनजर दुनिया भर में की जा रही टीकों की सीमित आपूर्ति के फलस्वरुप बच्चों के टीकाकरण में उच्च प्राथमिकता नहीं है. यह बात डब्ल्यूएचओ के शीर्ष टीका विशेषज्ञ डॉ. केट ओ'ब्रायन ने कही.

डब्ल्यूएचओ
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Published : Jun 4, 2021, 7:27 PM IST

जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के शीर्ष टीका विशेषज्ञ का कहना है कि दुनिया भर में टीकों की बेहद सीमित आपूर्ति के मद्देनजर कोरोना वायरस के खिलाफ बच्चों का टीकाकरण 'उच्च प्राथमिकता नहीं है.'

डॉ. केट ओ'ब्रायन के अनुसार बच्चों का टीकाकरण 'डब्ल्यूएचओ के नजरिए से प्राथमिकता नहीं है', हालांकि धनी देशों की संख्या बढ़ती जा रही है जो किशोरों और बच्चों के कोविड टीकाकारण की मंजूरी दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आमतौर पर बच्चों के कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने या उनकी मौत होने का खतरा नहीं होता है, इसलिए महामारी के दौरान उनका टीकाकरण उन्हें बीमारी से बचाने के बदले संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से होता है.

पढ़ें - महामारी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक-दूसरे की मदद करें देश : राजदूत कुमारन

कनाडा, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने हाल ही में 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कुछ कोविड टीकों को मंजूरी दी है क्योंकि वे वयस्कों के लिए अपने टीकाकरण लक्ष्य तक पहुंचने वाले हैं.

इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों से अनुरोध किया था कि वे अपने किशोरों और बच्चों का टीकाकरण करने के बदले टीके गरीब देशों को दान दे दें. विश्व स्तर पर दिए गए कोविड टीकों का एक प्रतिशत से भी कम का उपयोग गरीब देशों में किया गया है.

ओ'ब्रायन ने कहा कि कि अगर बच्चों के संपर्क में आने वाले वयस्कों का टीकाकरण हो गया हो तो स्कूल भेजने से पहले बच्चों को टीकाकरण आवश्यक नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के शीर्ष टीका विशेषज्ञ का कहना है कि दुनिया भर में टीकों की बेहद सीमित आपूर्ति के मद्देनजर कोरोना वायरस के खिलाफ बच्चों का टीकाकरण 'उच्च प्राथमिकता नहीं है.'

डॉ. केट ओ'ब्रायन के अनुसार बच्चों का टीकाकरण 'डब्ल्यूएचओ के नजरिए से प्राथमिकता नहीं है', हालांकि धनी देशों की संख्या बढ़ती जा रही है जो किशोरों और बच्चों के कोविड टीकाकारण की मंजूरी दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आमतौर पर बच्चों के कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने या उनकी मौत होने का खतरा नहीं होता है, इसलिए महामारी के दौरान उनका टीकाकरण उन्हें बीमारी से बचाने के बदले संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से होता है.

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कनाडा, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने हाल ही में 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कुछ कोविड टीकों को मंजूरी दी है क्योंकि वे वयस्कों के लिए अपने टीकाकरण लक्ष्य तक पहुंचने वाले हैं.

इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों से अनुरोध किया था कि वे अपने किशोरों और बच्चों का टीकाकरण करने के बदले टीके गरीब देशों को दान दे दें. विश्व स्तर पर दिए गए कोविड टीकों का एक प्रतिशत से भी कम का उपयोग गरीब देशों में किया गया है.

ओ'ब्रायन ने कहा कि कि अगर बच्चों के संपर्क में आने वाले वयस्कों का टीकाकरण हो गया हो तो स्कूल भेजने से पहले बच्चों को टीकाकरण आवश्यक नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

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