वॉशिंगटन : अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (USCIRF) ने बुधवार को एक ईरानी अदालत के आदेश की निंदा की करते हुए अधिकारियों को माजंदरन प्रांत के इवेल गांव में बहाई के स्वामित्व वाली संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी.
गौरतलब है कि ईरान में बहाई विश्वास को आधिकारिक मान्यता नहीं है. इसको एक फारसी धर्म गुरू बहाउआ द्वारा 1863 में स्थापित किया गया था. यह शुरुआत में फारस और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में बढ़ा, लेकिन इसे लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
एक बयान में USCIRF ने कहा कि ईरान सरकार ने राष्ट्रीय आईडी कार्ड बनावाने के लिए दिए गए धर्म की सूची से अन्य धर्म का विकल्प हटा दिया है. इससे ईरानी बाहियों को या तो मुस्लिम, ईसाई, यहूदी या जोरास्ट्रियन के रूप में गलत तरीके से पंजीकृत करके उनकी धार्मिक पहचान छुपाने के लिए मजबूर करता है, या फिर उन्हें नए आईडी कार्ड प्रदान नहीं किए जाते हैं . जो ड्राइवर का लाइसेंस प्राप्त बैंक खाते, और अन्य बुनियादी आधिकारिक लेनदेन का संचालन करने के लिए आवश्यक है.
USCIRF के आयुक्त गैरी बाउर ने कहा कि ईरानी सरकार का बाहियों पर लगातार अत्याचार धार्मिक स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है और इसे तुरंत समाप्त कर देना चाहिए. यह दावा करना ईरान के लिए अपमानजनक है कि 1800 के बाद से इवल में रहने वाले बहाई परिवारों के पास अपनी जमीन या संपत्ति का कोई दावा नहीं है. इसके अतिरिक्त, ईरान के राष्ट्रीय पहचान पत्रों में बदलाव का बहाई और दमन के अलावा कोई अन्य उद्देश्य नहीं है.
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USCIRF के वाइस चेयरमैन गेल मनचिन ने कहा कि ईरान की सरकार ने बहाउज मैट्रिक और विश्वविद्यालयों के प्रवेश द्वार को अस्वीकार कर दिया, उनके व्यवसायों को बंद कर दिया और उनसे घृणा फैलाने वाले प्रचारों को निशाना बनाया.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को बहाई और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की ओर से बोलने के लिए कभी भी संघर्ष नहीं करना चाहिए, उनके पुनर्वास और सुरक्षा के लिए आगे आना चाहिए.