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अमेरिकी सीनेटर का आरोप- चुनिंदा देशों को ही वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहे ट्रंप - कोविड-19 वैश्विक महामारी

कोरोना वायरस के कारण बहुत से देशों को वेंटिलेटर की अधिक जरूरत पड़ रही है, जिस पर अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने आरोप लगाया है कि ट्रंप चुनिंदा देशों को ही वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहे हैं. पढ़ें विस्तार से...

ventilators to select countries
चुनिंदा देशों को ही वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहे हैं ट्रंप
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Published : Jun 26, 2020, 6:20 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान वेंटिलेटर दान करने के नाम पर ट्रंप प्रशासन की तरफ से 20 करोड़ डॉलर कथित तौर पर उन देशों के पक्ष में खर्च किए गए जिन्हें राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से चुना.

संसद की विदेश संबंध समिति के सदस्य, रॉबर्ट मेनेंडेज ने कहा कि जिन देशों को जीवन रक्षक प्रणाली मुहैया कराई गई उनमें रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

डोनाल्ड ट्रंप को लिखे एक पत्र में मेनेंडेज ने कहा कि महामारी के दौरान वेंटिलेटर भेजने के लिए कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अधिसूचना की उपेक्षा करने का ट्रंप प्रशासन का निर्णय संदेहास्पद है.

मेनेंडेज ने कहा, 'वर्तमान में कोविड-19 संकट की व्यापकता एवं खतरे को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम सहायता के रूप में दिए जा रहे अमेरिकी पैसों को समझदारी से खर्च करें.'

उन्होंने कहा, 'जिन देशों को वेंटिलेटर की जरूरत है उन्हें देना अच्छी बात है, लेकिन किसी भी अन्य सहायता की तरह यह भी लाभकारी एवं पारदर्शी तरीके से दी जानी चाहिए. इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) को वेंटिलेटर के संबंध में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए.'

पढ़े : ट्रंप ने मोदी से निभाया वादा, कल भारत पहुंचेंगे 100 अमेरिकी वेंटिलेटर

मेनेंडेज ने आरोप लगाया कि यूएसएआईडी द्वारा चुनिंदा देशों को वेंटिलेटर दिए गए और इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया.उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा केवल 40 देशों को 7,500 वेंटिलेटर देना अमेरिकी विदेश संबंधों का संभावित राजनीतिकरण दर्शाता है और इससे अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी की गैर-राजनीतिक सहायता एजेंसी की छवि को भी धक्का लगा है.

वाशिंगटन : अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान वेंटिलेटर दान करने के नाम पर ट्रंप प्रशासन की तरफ से 20 करोड़ डॉलर कथित तौर पर उन देशों के पक्ष में खर्च किए गए जिन्हें राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से चुना.

संसद की विदेश संबंध समिति के सदस्य, रॉबर्ट मेनेंडेज ने कहा कि जिन देशों को जीवन रक्षक प्रणाली मुहैया कराई गई उनमें रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

डोनाल्ड ट्रंप को लिखे एक पत्र में मेनेंडेज ने कहा कि महामारी के दौरान वेंटिलेटर भेजने के लिए कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अधिसूचना की उपेक्षा करने का ट्रंप प्रशासन का निर्णय संदेहास्पद है.

मेनेंडेज ने कहा, 'वर्तमान में कोविड-19 संकट की व्यापकता एवं खतरे को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम सहायता के रूप में दिए जा रहे अमेरिकी पैसों को समझदारी से खर्च करें.'

उन्होंने कहा, 'जिन देशों को वेंटिलेटर की जरूरत है उन्हें देना अच्छी बात है, लेकिन किसी भी अन्य सहायता की तरह यह भी लाभकारी एवं पारदर्शी तरीके से दी जानी चाहिए. इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) को वेंटिलेटर के संबंध में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए.'

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मेनेंडेज ने आरोप लगाया कि यूएसएआईडी द्वारा चुनिंदा देशों को वेंटिलेटर दिए गए और इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया.उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा केवल 40 देशों को 7,500 वेंटिलेटर देना अमेरिकी विदेश संबंधों का संभावित राजनीतिकरण दर्शाता है और इससे अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी की गैर-राजनीतिक सहायता एजेंसी की छवि को भी धक्का लगा है.

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