वॉशिंगटन : अमेरिकी संसद ने 'मलाला यूसुफजई छात्रवृत्ति विधेयक' पारित किया है. जिसके तहत एक योग्यता एवं जरूरत आधारित कार्यक्रम के तहत पाकिस्तानी महिलाओं को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए दी जा रहीं छात्रवृत्तियों की संख्या बढ़ेगी. इस विधेयक को मार्च 2020 में प्रतिनिधि सभा ने पारित किया था, जिसे अमेरिकी सीनेट ने एक जनवरी को ध्वनिमत से पारित किया.
हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून
यह विधेयक अब व्हाइट हाउस भेजा गया है, जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा. इस विधेयक के तहत 'यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवल्पमेंट' पाकिस्तानी महिलाओं को 2020 से 2022 तक एक पाकिस्तान संबंधी उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत कम से कम 50 प्रतशित छात्रवृत्तियां मुहैया कराएगी. यूएसएआईडी ने 2010 के बाद से पाकिस्तान में युवतियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के लिए छह हजार से अधिक छात्रवृत्तियां दी हैं. यह विधेयक इस कार्यक्रम को विस्तार देता है.
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संसद को दी जाएगी वार्षिक रिपोर्ट
विधेयक में कहा गया है कि यूएसएआईडी पाकिस्तान में शिक्षा कार्यक्रमों की पहुंच बढ़ाने और इनमें सुधार के लिए अमेरिका में पाकिस्तानी समुदाय और पाकिस्तानी निजी क्षेत्र से विचार-विमर्श करेगा और उनसे निवेश प्राप्त करेगा. इसमें कहा गया है कि यूएसएआईडी संसद को वार्षिक आधार पर जानकारी देगा कि कार्यक्रम के तहत कितनी छात्रवृत्तियां वितरित की गईं.
कौन हैं मलाला यूसुफजई
मलाला को भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ 10 अक्टूबर, 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. मलाला को अक्टूबर 2012 में पाकिस्तानी तालिबान के आतंकवादियों ने उस समय गोली मार दी थी, जब वह स्कूल से घर जा रही थी. मलाला पाकिस्तानी तालिबान के विरोध के बावजूद 2008 से महिलाओं एवं लड़कियों तक शिक्षा की पहुंच बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही हैं.