वॉशिंगटन : कैपिटोल हिल पर हुए हमले के बाद तमाम सोशल मीडिया मंचों द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पहले कभी इतनी खतरे में नहीं थी.
यूएस कैपिटोल (अमेरिकी संसद भवन) पर छह जनवरी को ट्रंप समर्थकों द्वारा किए हमले के बाद अपने पहले भाषण में निवर्तमान राष्ट्रपति ने अपने खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही, पिछले सप्ताह हुए हमले और अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल करने के आह्वान (जिसके द्वारा उनके मंत्रिमंडल के सदस्य उन्हें हटा सकते हैं) जैसे तमाम मुद्दों पर बात की.
ट्रंप ने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पहले कभी इतने खतरे में नहीं थी. मुझे 25वें संशोधन से ज़रा सा भी खतरा नहीं है, लेकिन नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके प्रशासन के लिए यह आगे खतरा जरूर बन सकता है.
उन्होंने कहा, देश के इतिहास में जानबूझकर किसी (ट्रंप) को परेशान करने के सबसे निंदनीय कृत्य को आगे बढ़ाते हुए महाभियोग का इस्तेमाल किया जा रहा है और इससे काफी गुस्से एवं विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इसका दर्द इतना अधिक है कि कुछ लोग इसे समझ भी नहीं सकते, जो कि खासकर इस नाजुक समय में अमेरिका के लिए बेहद खतरनाक है.
ट्रंप ने पिछले सप्ताह यूएस कैपिटोल में हुई घटना पर कहा, मैंने अपने कार्यकाल में हमेशा कहा है कि हम अमेरिका के इतिहास एवं परम्पराओं का सम्मान करने में विश्वास करते हैं, उन्हें तोड़ने में नहीं. हम कानून के शासन में विश्वास करते हैं, हिंसा या दंगों में नहीं.
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गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हार स्वीकार नहीं की है और वह तीन नवम्बर को हुए चुनाव में धोखाधड़ी के बेबुनियाद दावे लगातार करते रहे हैं. उनके इन दावों के बीच ही, कैपिटोल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में ट्रंप के समर्थकों ने धावा बोला था और हिंसा की थी, जिसमें कैपिटोल पुलिस के एक अधिकारी और चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद ही उन पर महाभियाग चलाए जाने की मांग भी की गई.
ट्रंप ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने इस साल को और चुनाव को काफी कठिन बना दिया.
राष्ट्रपति ने कहा, यह हमारे देश के लिए बेहतर स्थिति में आने का समय है... कानून प्रवर्तन और उससे जुड़े लोगों पर विश्वास रखें.