वॉशिंगटन : कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए बनाए जा रहे वेंटीलेटर के निर्माण के लिए अमेरिकी कंपनी नासा ने तीन भारतीय कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है. बताया जा रहा है कि नासा ने दक्षिण कैलिफोर्निया की जेट प्रॉपल्शन लैब में इन वेंटिलेटर को बनाया.
गौरतलब है कि अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज लिमिटेड और मेधा सर्वो ड्राइव्स दुनिया की 18 कंपनियों में से तीन हैं, जिन्हें जीवन रक्षक मशीन बनाने के लिए चुना गया है.
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने जानकारी दी कि भारत के अलावा 18 अन्य कंपनियों को नासा ने यह लाइसेंस दिया है. इनमें अमेरिका की आठ और ब्राजील की तीन कंपनियां शामिल हैं.
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने ट्वीट कर कहा कि तीन भारतीय कंपनियों को बधाई, जिन्हें नासा द्वारा रोगियों के लिए बनाए जाने वाले वेंटिलेटर के लिए डिजाइन किया गया.
उन्होंने आगे लिखा कि दुनियाभर में केवल 21 लाइसेंस दिए गए. इसके साथ ही उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों का भी समर्थन किया.
नासा ने कोरोना के मरीजों के लिए यह वेंटिलेटर दक्षिण कैलिफोर्निया के जेट प्रोपल्सन लैब में तैयार किया है. जेपीएल के इंजीनियरों ने यह खास वेंटिलेटर एक महीने में तैयार किया है, जिसे VITAL नाम दिया गया है.
जेआईसीएल ऑफिस ऑफ स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के प्रबंधक लियोन अलकली और वाइकोएल लीडरशिप टीम के एक सदस्य लियोन अलकली ने कहा कि VITAL टीम अपनी तकनीक के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बहुत उत्साहित है.
पढ़ें : कोरोना से लड़ाई : शोधकर्ताओं का वेंटिलेटर साझा करने का सुझाव
अलकलाई ने आगे कहा कि हमारी उम्मीद है कि यह तकनीक दुनिया भर में पहुंचेगी और आने वाले कोविड-19 संकट से निपटने के लिए समाधान का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करेगी.
इस संबंध में नासा का कहना है कि VITAL को चिकित्सकों और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण की सलाह से विकसित किया जा रहा है.