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मंगल ग्रह पर नासा ने भेजा वर्ष का अंतिम यान, रोवर पर्सवीरन्स लाएगा नमूने - पर्सवीरन्स

अमेरिका के फ्लोरिडा से मंगल ग्रह के लिए अंतरिक्ष यान को लॉन्च किया गया है. इसके साथ 'पर्सवीरन्स' नाम का रोवर भी है. मंगल ग्रह के लिए लॉन्च किया गया यह यान इस साल का तीसरा और अंतिम यान है. यह मंगल ग्रह से पत्थर के नमूने धरती पर लाएगा जिनका अगले एक दशक में विश्लेषण किया जाएगा. नासा के इनसाइट और क्यूरियोसिटी इस समय मंगल पर हैं. छह अन्य अंतरिक्ष यान केंद्र से ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं. इनमें से तीन अमेरिका, दो यूरोप और एक भारत का है. पढ़ें पूरी खबर...

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फ्लोरिडा से मंगल ग्रह पर भेजा गया पर्सवीरन्स
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Published : Jul 30, 2020, 5:23 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 6:38 PM IST

न्यूयॉर्क : अमेरिका के फ्लोरिडा से इस साल का अंतिम अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया है. इसमें 'पर्सवीरन्स' नाम का रोवर है. मंगल ग्रह के लिए इस साल का तीसरा और अंतिम यान भेजा गया है. नासा ने कार के आकार का छह पहियों वाला रोवर भी भेजा है. इसका नाम 'पर्सवीरन्स' है. इसकी मदद से मंगल ग्रह से पत्थर के नमूने धरती पर लाए जाने की योजना है. इनका अगले एक दशक में विश्लेषण किया जाएगा.

फ्लोरिडा से मंगल ग्रह के लिए पर्सवीरन्स को लॉन्च किए जाने से पहले की वीडियो

चीन और संयुक्त अरब अमीरात मानवरहित अंतरिक्षयानों को लाल ग्रह पर भेज चुके हैं. अब तक के सबसे व्यापक प्रयास में सूक्ष्मजीवों के जीवन के निशान तलाशने और भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संभावनाओं की तलाश की जाएगी.

सबसे पहले यूएई के अंतरिक्षयान 'अमल' ने जापान से उड़ान भरी थी. इसके बाद चीन का एक रोवर और ऑर्बिटर मंगल पर भेजा गया, इस मिशन का नाम 'तियानवेन-1' है.

प्रत्येक अंतरिक्षयान को अगले फरवरी में मंगल तक पहुंचने से पहले 48.30 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी होगी. इस अभूतपूर्व प्रयास में कई प्रक्षेपण और अंतरिक्ष यान शामिलहोंगे, जिसकी लागत आठ अरब डॉलर है.

नासा प्रशासक जिम ब्रिडेन्स्टाइन ने कहा, 'हमें नहीं पता की वहां जीवन है या नहीं, लेकिन हम यह जानते हैं कि इतिहास में एक समय था जब मंगल रहने योग्य था.' केवल अमेरिका मंगल तक अपना अंतरिक्षयान सफलतापूर्व पहुंचा पाया है.

पढ़ें - वीडियो : बच्चे ने सुझाया नासा के मार्स रोवर का नाम

वह 1976 में वाइकिंग्स से शुरुआत करके आठ बार ऐसा कर चुका है. नासा के इनसाइट और क्यूरियोसिटी इस समय मंगल पर हैं. छह अन्य अंतरिक्ष यान केंद्र से ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं. इनमें से तीन अमेरिका, दो यूरोप और एक भारत का है.

न्यूयॉर्क : अमेरिका के फ्लोरिडा से इस साल का अंतिम अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया है. इसमें 'पर्सवीरन्स' नाम का रोवर है. मंगल ग्रह के लिए इस साल का तीसरा और अंतिम यान भेजा गया है. नासा ने कार के आकार का छह पहियों वाला रोवर भी भेजा है. इसका नाम 'पर्सवीरन्स' है. इसकी मदद से मंगल ग्रह से पत्थर के नमूने धरती पर लाए जाने की योजना है. इनका अगले एक दशक में विश्लेषण किया जाएगा.

फ्लोरिडा से मंगल ग्रह के लिए पर्सवीरन्स को लॉन्च किए जाने से पहले की वीडियो

चीन और संयुक्त अरब अमीरात मानवरहित अंतरिक्षयानों को लाल ग्रह पर भेज चुके हैं. अब तक के सबसे व्यापक प्रयास में सूक्ष्मजीवों के जीवन के निशान तलाशने और भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संभावनाओं की तलाश की जाएगी.

सबसे पहले यूएई के अंतरिक्षयान 'अमल' ने जापान से उड़ान भरी थी. इसके बाद चीन का एक रोवर और ऑर्बिटर मंगल पर भेजा गया, इस मिशन का नाम 'तियानवेन-1' है.

प्रत्येक अंतरिक्षयान को अगले फरवरी में मंगल तक पहुंचने से पहले 48.30 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी होगी. इस अभूतपूर्व प्रयास में कई प्रक्षेपण और अंतरिक्ष यान शामिलहोंगे, जिसकी लागत आठ अरब डॉलर है.

नासा प्रशासक जिम ब्रिडेन्स्टाइन ने कहा, 'हमें नहीं पता की वहां जीवन है या नहीं, लेकिन हम यह जानते हैं कि इतिहास में एक समय था जब मंगल रहने योग्य था.' केवल अमेरिका मंगल तक अपना अंतरिक्षयान सफलतापूर्व पहुंचा पाया है.

पढ़ें - वीडियो : बच्चे ने सुझाया नासा के मार्स रोवर का नाम

वह 1976 में वाइकिंग्स से शुरुआत करके आठ बार ऐसा कर चुका है. नासा के इनसाइट और क्यूरियोसिटी इस समय मंगल पर हैं. छह अन्य अंतरिक्ष यान केंद्र से ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं. इनमें से तीन अमेरिका, दो यूरोप और एक भारत का है.

Last Updated : Jul 30, 2020, 6:38 PM IST
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