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एअर इंडिया की बिक्री एक 'महत्वपूर्ण मील का पत्थर' साबित होगी: आईएमएफ अधिकारी

राष्ट्रीय विमानन कंपनी एअर इंडिया की बिक्री (Sale of Air India)भारत के निजीकरण के प्रयासों में एक 'महत्वपूर्ण मील का पत्थर' साबित होगी. यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक साक्षात्कार में कही.

एअर इंडिया
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Published : Oct 18, 2021, 7:35 PM IST

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी एअर इंडिया की बिक्री भारत के निजीकरण के प्रयासों में एक 'महत्वपूर्ण मील का पत्थर' साबित होगी.

टाटा समूह घाटे में चल रही एअर इंडिया के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभरा है, और इस संबंध में समूह को 11 अक्टूबर को एक आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया था.

आईएमएफ-एसटीआई क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक और आईएमएफ इंडिया मिशन के पूर्व प्रमुख अल्फ्रेड शिपके ने एक साक्षात्कार में कहा, 'हम एअर इंडिया की बिक्री के लिए हालिया समझौते का स्वागत करते हैं, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.' इससे पहले इसी महीने सरकार ने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की इकाई टैलेस प्राइवेट लि. की एअर इंडिया के लिए पेशकश को स्वीकार कर लिया था. इसके लिए टाटा द्वारा 2,700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया जाएगा, जबकि वह एयरलाइन का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज भी लेगी.

शिपके ने भारत पर आईएमएफ की वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के मौके पर कहा, 'आमतौर पर निजीकरण से अधिकतम लाभ पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुभव मध्यम अवधि की निजीकरण योजनाओं, ठोस नियामक ढांचे और प्रतिस्पर्धी बाजारों के महत्व पर जोर देते हैं.'

पढ़ें- वरिष्ठ अधिकारी की मंजूरी के बाद होगी विमान के मंहगे कलपूर्जों की खरीद: एअर इंडिया

वार्षिक रिपोर्ट में देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने और सुधार के लिए पिछले एक साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए 130 से अधिक प्रमुख नीतिगत कार्यों को सूचीबद्ध किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी एअर इंडिया की बिक्री भारत के निजीकरण के प्रयासों में एक 'महत्वपूर्ण मील का पत्थर' साबित होगी.

टाटा समूह घाटे में चल रही एअर इंडिया के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभरा है, और इस संबंध में समूह को 11 अक्टूबर को एक आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया था.

आईएमएफ-एसटीआई क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक और आईएमएफ इंडिया मिशन के पूर्व प्रमुख अल्फ्रेड शिपके ने एक साक्षात्कार में कहा, 'हम एअर इंडिया की बिक्री के लिए हालिया समझौते का स्वागत करते हैं, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.' इससे पहले इसी महीने सरकार ने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की इकाई टैलेस प्राइवेट लि. की एअर इंडिया के लिए पेशकश को स्वीकार कर लिया था. इसके लिए टाटा द्वारा 2,700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया जाएगा, जबकि वह एयरलाइन का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज भी लेगी.

शिपके ने भारत पर आईएमएफ की वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के मौके पर कहा, 'आमतौर पर निजीकरण से अधिकतम लाभ पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुभव मध्यम अवधि की निजीकरण योजनाओं, ठोस नियामक ढांचे और प्रतिस्पर्धी बाजारों के महत्व पर जोर देते हैं.'

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वार्षिक रिपोर्ट में देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने और सुधार के लिए पिछले एक साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए 130 से अधिक प्रमुख नीतिगत कार्यों को सूचीबद्ध किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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