वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए हुए बेहद कड़े मुकाबले में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद डेमोक्रेटिक नेता जो बाइडेन ने देश को एकजुट करने का संकल्प लिया और कहा कि अब अमेरिका में जख्मों को भरने का समय आ गया है.
बाइडेन और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच राष्ट्रपति पद के लिए हुआ मुकाबला विभाजनकारी और कड़वाहट भरा रहा. इस चुनाव में अमेरिकियों ने रिकॉर्ड संख्या में मतदान किया और बाइडेन को जिताया.
बाइडेन ने शनिवार रात जीत के बाद अपने भाषण में कहा कि मैं ऐसा राष्ट्रपति बनने का संकल्प लेता हूं, जो बांटने नहीं, बल्कि एकजुट करने की कोशिश करेगा, जो डेमोक्रेटिक राज्यों और रिपब्लिकन राज्यों में फर्क नहीं करेगा, बल्कि पूरे अमेरिका को एक नजर से देखेगा.
उन्होंने कहा कि यह अमेरिका में जख्मों को भरने का समय है. आप लोगों ने मुझमें जो भरोसा दिखाया, मैं उसके लिए आपका आभारी हूं.
उन्होंने दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि मैं अपने कार्यकाल में अमेरिका की आत्मा को पुन: जीवित करने, देश की रीढ़ की हड्डी-मध्यम वर्ग को फिर मजबूत करने, दुनियाभर में अमेरिका का सम्मान बढ़ाने और देश के भीतर हमें एकजुट करने के लिए काम करूंगा.
जो बाइडेन ने कहा कि मैं समझ सकता हूं कि डोनाल्ड ट्रंप किस तरह निराश हुए हैं, मैं भी कई बार हुआ हूं, मगर हमें एक-दूसरे को एक मौका देना चाहिए. आपस की गर्मागर्मी को कम कर साथ में काम करना चाहिए. हम प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन ने शनिवार को रिपब्लिकन पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को कड़े मुकाबले में हरा दिया.
ट्रंप को हराकर ह्वाइट हाउस में जगह पाने वाले बाइडेन अमेरिकी इतिहास में अब तक के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पेन्सिलवेनिया राज्य में जीत दर्ज करने के बाद 77 वर्षीय पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे.
इस राज्य में जीत के बाद बाइडेन को 270 से अधिक 'इलेक्टोरल कॉलेज वोट' मिल गए जो जीत के लिए जरूरी थे. पेन्सिलवेनिया के 20 इलेक्टोरल वोटों के साथ बाइडेन के पास अब कुल 273 इलेक्टोरल वोट हो गए हैं.
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से पहले बाइडेन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं. वह डेलावेयर के सबसे लंबे समय तक सीनेटर रहे हैं.
भारतवंशी सीनेटर कमला हैरिस अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं. 56 वर्षीय हैरिस देश की पहली भारतवंशी, अश्वेत और अफ्रीकी अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी. बाइडेन और हैरिस अगले वर्ष 20 जनवरी को पद की शपथ लेंगे.