वॉशिंगटन : पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी मौजूदगी को बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि ताकत की कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस युग में चीन, अमेरिकी के लिये सामरिक खतरे के तौर पर उभरेगा.
अमेरिकी सैन्य मामलों के मंत्री रेयान डी मैक्कार्थी ने कहा कि क्षेत्र में अमेरिकी सेना की मौजूदगी से वैश्विक व्यापार करने की अमेरिकी की स्थिति मजबूत होगी, निवेशकों में विश्वास पैदा होगा और अर्थव्यवस्था प्रतिस्पर्धी होगी.
उन्होंने थिंक टैंक ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट में अपने संबोधन में कहा, 'ताकत की महान प्रतिस्पर्धा के इस युग में चीन अमेरिका के लिये रणनीतिक खतरा बनकर उभरेगा. दुनिया की जीडीपी का 60 फीसद से ज्यादा मलक्का जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है और चीन वैश्विक साझेदारी वाली चीजों का सैन्यीकरण कर रहा है.'
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उन्होंने कहा, 'अपने 1.1 अरब लोगों के जीवन के लिये चीन की बेल्ट एवं रोड पहल (बीआरआई) पर निर्भरता बढ़ रही है, ऐसे में आधुनिक हथियारों से सुसज्जित अमेरिकी सेना की, हमारे सहयोगियों के साथ इस क्षेत्र में मौजूदगी से इलाके में समीकरणों में बदलाव होगा और संभावित विरोधी दुविधा में पड़ जाएंगे.'
मैक्कार्थी के मुताबिक, हिंद-प्रशांत क्षेत्र अमेरिका के लिये रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जो कि एक हिंद-प्रशांत देश है.