वाशिंगटन : अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने दावा किया है कि इराक में शुक्रवार को अमेरिकी हमले में मारे गए ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी ने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए घातक हमले में आतंकवादियों की मदद की थी. पेंस के इस दावे को लेकर अमेरिकी मीडिया ने उन्हें घेर लिया है.
पेंस ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'सुलेमानी ने अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले 12 आतंकवादियों में 10 की अफगानिस्तान की गुप्त यात्रा में मदद की थी.'
जब ट्विटर पर आलोचकों ने पेंस को निशाना बनाना शुरू किया कि 2001 के आतंकवादी हमले में 19 आतंकवादी शामिल थे, तो इस पर पेंस की प्रवक्ता केटी वाल्डमैन ने स्पष्ट किया कि पेंस केवल उन 12 आतंकवादियों का उल्लेख कर रहे थे, जो अफगानिस्तान के जरिए यहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा, 'उन 12 में से 10 की सुलेमानी ने सहायता की थी.'
हालांकि, 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने बताया कि 11 सितंबर के हमले पर जांच आयोग की विस्तृत 585-पृष्ठों वाली रिपोर्ट में कहीं भी सुलेमानी का जिक्र नहीं किया गया है. न्यूयॉर्क पर हुए हमले के समय भी सुलेमानी ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की शाखा कुद्स बल का नेतृत्व कर रहे थे.
जांच आयोग ने पाया था, 'इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि ईरान ने 9/11 हमले से पहले अफगानिस्तान जाने और वहां से निकलने में अलकायदा के सदस्यों की यात्रा में मदद की थी. हमें इसका कोई सबूत नहीं मिला कि ईरान या हिजबुल्ला को उस षड्यंत्र के बारे में पता था, जिसके अनुसार बाद में 9/11 का हमला हुआ.'
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'वाशिंगटन पोस्ट' ने उल्लेख किया कि 'हालांकि तकनीकी रूप से यह कहना सही हो सकती है कि ईरान ने उनकी यात्रा में 'मदद' की थी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ईरान या विशेष रूप से सुलेमानी ने 9/11 हमला करने वाले आतंकवादियों की जानबूझकर सहायता की थी.'