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तालिबान के साथ शर्त आधारित है शांति समझौता : अमेरिका

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Published : Mar 3, 2020, 1:28 PM IST

29 फरवरी को दोहा में हुए अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा है कि यह समझौता शर्तों पर आधारित है.

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अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर

वॉशिंगटन : अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा है कि दोहा में पिछले हफ्ते तालिबान के साथ हुआ शांति समझौता शर्तों पर आधारित समझौता है.

उन्होंने दोहराया कि यह अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने के राजनीतिक समाधान की दिशा में पहला महत्त्वपूर्ण कदम है.

अमेरिका और तालिबान ने 18 वर्ष के युद्ध के बाद शनिवार को दोहा में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जो इस महीने ओस्लो में होने वाली अंतर-अफगान वार्ता की राह खोलेगा.

साथ ही इसके तहत 14 महीने में अफगानिस्तान से सभी विदेशी बलों को वापस बुला लिया जाएगा.

पढ़ें- अमेरिका-तालिबान समझौता : भारत के लिए चुनौती

एस्पर ने अफगानिस्तान से अपनी वापसी के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने के लिए राजनीतिक समाधान की दिशा में पहला अहम कदम है. मैंने अपने अफगान साझेदारों के सामने भी दोहराया है कि यह शर्तों पर आधारित समझौता है.

पेंटागन संवाददाताओं के साथ बातचीत में एस्पर ने कहा कि अमेरिका तालिबान की गतिविधियों पर यह देखने के लिए करीब से नजर रख रहा है कि वे अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरे उतर रहे हैं या नहीं.

उन्होंने कहा कि यह समझौता 18 साल से अधिक वक्त तक दिए गए हमारे सैनिकों और महिलाओं के बलिदान का नतीजा है.

वॉशिंगटन : अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा है कि दोहा में पिछले हफ्ते तालिबान के साथ हुआ शांति समझौता शर्तों पर आधारित समझौता है.

उन्होंने दोहराया कि यह अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने के राजनीतिक समाधान की दिशा में पहला महत्त्वपूर्ण कदम है.

अमेरिका और तालिबान ने 18 वर्ष के युद्ध के बाद शनिवार को दोहा में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जो इस महीने ओस्लो में होने वाली अंतर-अफगान वार्ता की राह खोलेगा.

साथ ही इसके तहत 14 महीने में अफगानिस्तान से सभी विदेशी बलों को वापस बुला लिया जाएगा.

पढ़ें- अमेरिका-तालिबान समझौता : भारत के लिए चुनौती

एस्पर ने अफगानिस्तान से अपनी वापसी के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने के लिए राजनीतिक समाधान की दिशा में पहला अहम कदम है. मैंने अपने अफगान साझेदारों के सामने भी दोहराया है कि यह शर्तों पर आधारित समझौता है.

पेंटागन संवाददाताओं के साथ बातचीत में एस्पर ने कहा कि अमेरिका तालिबान की गतिविधियों पर यह देखने के लिए करीब से नजर रख रहा है कि वे अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरे उतर रहे हैं या नहीं.

उन्होंने कहा कि यह समझौता 18 साल से अधिक वक्त तक दिए गए हमारे सैनिकों और महिलाओं के बलिदान का नतीजा है.

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