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भारतीय पत्रकार ने अमेरिकी समिति के समक्ष कहा - वैश्विक मीडिया ने की पाक प्रायोजित आतंकवाद की अनदेखी

अमेरिका की विदेश मामलों की एक समिति के समक्ष एक भारतीय पत्रकार ने कहा कि वैश्विक मीडिया ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को पूरी तरह नजरअंदाज किया है. भारतीय पत्रकार आरती टीकू सिंह के इस बयान पर अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने तीखी प्रतिक्रिया दी और उनकी पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. पढ़ें पूरा विवरण....

भारतीय पत्रकार आरती टीकू सिंह
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Published : Oct 23, 2019, 7:47 PM IST

वाशिंगटन : कश्मीर में मानवाधिकार संबंधी स्थिति पर चर्चा के दौरान एक अमेरिकी समिति के समक्ष एक भारतीय पत्रकार आरती टीकू सिंह ने कहा कि वैश्विक प्रेस ने पिछले 30 वर्षों में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को पूरी तरह नजरअंदाज किया है.

आरती टीकू सिंह के इस बयान पर अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने तीखी प्रतिक्रिया दी और उनकी पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. इस आलोचना के बाद आरती ने इल्हान पर 'पक्षपातपूर्ण' होने का आरोप लगाया.

pak sponsored terrorism ignored by world press claims Indian journalist
ट्वीट सौ. एएनआई

आरती ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की सुनवाई 'पूर्वाग्रह से ग्रस्त, पक्षपातपूर्ण, भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के समर्थन में है.

कांग्रेस के आमंत्रण पर गवाही के लिए अमेरिका पहुंचीं आरती ने कहा, 'संघर्ष के इन 30 वर्षों में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में इस्लामी जिहाद और आतंकवाद को दिये गये बढावे को दुनियाभर के प्रेस ने पूरी तरह नजरअंदाज किया.

दुनिया में कोई मानवाधिकार कार्यकर्ता और कोई प्रेस नहीं है, जिसे लगता हो कि कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवाद के पीड़ितों के बारे में बात करना और लिखना उनका नैतिक दायित्व है.

उमर ने आरती की आलोचना करते हुए कहा कि जब प्रेस सरकार का मुखपत्र बन जाता है, तो यह उसकी सबसे खराब स्थिति होती है.

पढ़ें : नवाज शरीफ की हालत गंभीर, बेटे ने लगाया जेल में जहर देने का आरोप

आरती ने दक्षिण एशिया में मानवाधिकार पर कांग्रेस में सुनवाई के दौरान प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों की समिति की 'एशिया, प्रशांत एवं निरस्त्रीकरण उपसमिति के अध्यक्ष ब्रैड शरमन से कहा, यह बहुत अनुचित है.

प्रतिनिधि सभा के दो मुस्लिम सदस्यों में एक उमर ने सिंह पर कहानी के आधिकारिक पक्ष का प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगाया, उनकी पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाए तथा उन्हें बोलने नहीं दिया.

इल्हान उमर ने 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के पत्रकार से कहा कि एक पत्रकार का काम का काम यह है कि जो कुछ भी हो रहा है, उसके बारे में वस्तुनिष्ठ सच पता करे और लोगों को इसके बारे में बताए.

उमर ने कहा, ''आपके पास 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के बड़ी संख्या में पाठक हैं और आप पर सही खबर देने की बड़ी जिम्मेदारी है. मैं अवगत हूं कि रिपोर्टिंग में बात को जिस प्रकार बताया जाता है, वह सच्चाई को तोड़-मरोड़ सकता है.''

पढ़ें : लंदन के निकट ट्रक कंटेनर से मिले 39 शव : ब्रिटिश पुलिस

उन्होंने कहा, 'मुझे यह भी पता है कि कहानी का केवल आधिकारिक पहलू साझा करके इसे किस प्रकार सीमित किया जा सकता है. सरकार जब प्रेस की मुखपत्र होती है तो यह उसकी सबसे खराब स्थिति है.'

उमर ने कहा, 'आपने अविश्वसनीय एवं संदिग्ध दावा किया कि कश्मीर में भारत सरकार की कार्रवाई मानवाधिकारों के लिए अच्छी है.यदि यह मानवाधिकार के लिए अच्छा है, तो गोपनीय तरीके से क्या होता होगा.'

आरती सिंह ने कहा, 'कश्मीर में मारे गये कश्मीरी मुसलमानों की संख्या बहुत है और पाकिस्तानी आतंकवादियों ने उन्हें बहुत पीड़ित किया है.'

वाशिंगटन : कश्मीर में मानवाधिकार संबंधी स्थिति पर चर्चा के दौरान एक अमेरिकी समिति के समक्ष एक भारतीय पत्रकार आरती टीकू सिंह ने कहा कि वैश्विक प्रेस ने पिछले 30 वर्षों में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को पूरी तरह नजरअंदाज किया है.

आरती टीकू सिंह के इस बयान पर अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने तीखी प्रतिक्रिया दी और उनकी पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. इस आलोचना के बाद आरती ने इल्हान पर 'पक्षपातपूर्ण' होने का आरोप लगाया.

pak sponsored terrorism ignored by world press claims Indian journalist
ट्वीट सौ. एएनआई

आरती ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की सुनवाई 'पूर्वाग्रह से ग्रस्त, पक्षपातपूर्ण, भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के समर्थन में है.

कांग्रेस के आमंत्रण पर गवाही के लिए अमेरिका पहुंचीं आरती ने कहा, 'संघर्ष के इन 30 वर्षों में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में इस्लामी जिहाद और आतंकवाद को दिये गये बढावे को दुनियाभर के प्रेस ने पूरी तरह नजरअंदाज किया.

दुनिया में कोई मानवाधिकार कार्यकर्ता और कोई प्रेस नहीं है, जिसे लगता हो कि कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवाद के पीड़ितों के बारे में बात करना और लिखना उनका नैतिक दायित्व है.

उमर ने आरती की आलोचना करते हुए कहा कि जब प्रेस सरकार का मुखपत्र बन जाता है, तो यह उसकी सबसे खराब स्थिति होती है.

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आरती ने दक्षिण एशिया में मानवाधिकार पर कांग्रेस में सुनवाई के दौरान प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों की समिति की 'एशिया, प्रशांत एवं निरस्त्रीकरण उपसमिति के अध्यक्ष ब्रैड शरमन से कहा, यह बहुत अनुचित है.

प्रतिनिधि सभा के दो मुस्लिम सदस्यों में एक उमर ने सिंह पर कहानी के आधिकारिक पक्ष का प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगाया, उनकी पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाए तथा उन्हें बोलने नहीं दिया.

इल्हान उमर ने 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के पत्रकार से कहा कि एक पत्रकार का काम का काम यह है कि जो कुछ भी हो रहा है, उसके बारे में वस्तुनिष्ठ सच पता करे और लोगों को इसके बारे में बताए.

उमर ने कहा, ''आपके पास 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के बड़ी संख्या में पाठक हैं और आप पर सही खबर देने की बड़ी जिम्मेदारी है. मैं अवगत हूं कि रिपोर्टिंग में बात को जिस प्रकार बताया जाता है, वह सच्चाई को तोड़-मरोड़ सकता है.''

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उन्होंने कहा, 'मुझे यह भी पता है कि कहानी का केवल आधिकारिक पहलू साझा करके इसे किस प्रकार सीमित किया जा सकता है. सरकार जब प्रेस की मुखपत्र होती है तो यह उसकी सबसे खराब स्थिति है.'

उमर ने कहा, 'आपने अविश्वसनीय एवं संदिग्ध दावा किया कि कश्मीर में भारत सरकार की कार्रवाई मानवाधिकारों के लिए अच्छी है.यदि यह मानवाधिकार के लिए अच्छा है, तो गोपनीय तरीके से क्या होता होगा.'

आरती सिंह ने कहा, 'कश्मीर में मारे गये कश्मीरी मुसलमानों की संख्या बहुत है और पाकिस्तानी आतंकवादियों ने उन्हें बहुत पीड़ित किया है.'

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.WASHINGTON FGN23
US-KASHMIR-JOURNALIST
Pakistan-sponsored terrorism ignored by world press: Indian journalist testifies before US committee
By Lalit K Jha
         Washington, Oct 23 (PTI) An Indian journalist, who testified before a US committee discussing human rights situation in Kashmir, said Pakistan-sponsored terrorism has been completely overlooked by the world press for the past 30 years, evoking a sharp reaction from a US Congresswoman who questioned her objectivity while reporting.
         Following the criticism by American lawmaker Ilhan Omar, Aarti Tikoo Singh, who flew in to the US at the Congressional invitation to testify, accused her of being "unfair" and also alleged the Congress hearing was "prejudiced, biased, a setup against India and in favour of Pakistan".
         "Throughout these 30 years of conflict, Islamic jihad and terror in Kashmir perpetrated by Pakistan has been completely ignored and overlooked by the world press. There is no human rights activists and no press in the world which feels that it is their moral obligation to talk or write about the victims of Pakistani terror in Kashmir, Singh said.
         While attacking the journalist, Omar had also said that press is at its worth worst when it is a mouthpiece for a government.
         "That is very unfair," Singh told Congressman Brad Sharman, Chairman of the Subcommittee on Asia, the Pacific and Nonproliferation of the House Foreign Affairs Committee during a Congressional hearing on human rights in South Asia.
          Omar, one of the two Muslims members in the US House of Representatives, accused Singh of representing the official side of the story and cast aspirations on her journalistic credentials and did not let her speak.
         In a tutorial of sorts to Times of India journalist, Omar said that a reporter's job is to find the objective truth about what's happening and report it to the public.
         You have an enormous audience at The Times Of India and you have an enormous responsibility to get it right. I'm aware of how the narrative shaped by reporting can distort the truth. I'm also very aware of how it can be limited to sharing only the official side of the story. The press is at its worth worst when it is a mouthpiece for the government," Omar said.
         "You also make the incredible dubious claim that the Indian government's crackdown in Kashmir is good for human rights. If it was good for human rights Ms Singh, it wouldn't be happening in secret, Omar alleged.
         "The number of Kashmiri Muslims who have been killed in Kashmir is immense and they have been victimised by Pakistani terrorist state," Singh said. PTI LKJ PYK
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