हैदराबाद: दुनिया के कई शोध संगठन कोरोना महामारी पर शोध के लिए आगे आए हैं. अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय ने भी कोरोना पर शोध के लिए स्क्रिप्स रिसर्च और यूसीएलए के शोधकर्ताओं से हाथ मिलाया है.
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ लॉरेन गार्डनर कोविड-19 के तेजी से फैलने का सही कारण जानने के लिए और नए तरीकों को विकसित करने के लिए स्क्रिप्स रिसर्च और यूसीएलए के वैज्ञानिकों के साथ काम करने जा रहे हैं. बता दें डॉ गार्डनर ने ही विश्व प्रसिद्ध कोविड-19 ट्रैकिंग का मानचित्र विकसित किया है.
रिपोर्टों के अनुसार, वैज्ञानिकों की टीम एक डेटाबेस तैयार करने की योजना बना रही है. इसमें अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन ट्रैफिक, दुनियाभर के मौसम के पैटर्न, राष्ट्रीय जनसांख्यिकी और संक्रमितों की जानकारी शामिल होगी. इसका इस्तेमाल सांख्यिकीय मॉडल विकसित करने के लिए किया जाएगा, जिससे कोविड-19 के फैलने के पैटर्न के बारे में पता चलेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑनलाइन विज़ुअलाइजेशन के निर्माण से लोगों और राष्ट्रीय नेताओं को यह बेहतर ढंग से समझाया जा सकेगा कि दुनियाभर की जटिल प्रणालियां संक्रामक रोगों को फैलाने में कैसे मदद करती हैं. टीम को उम्मीद है कि सरकारें ऑनलाइन विज़ुअलाइजेशन का इस्तेमाल करके कोविड-19 के प्रकोप को भविष्य में कम कर सकती हैं.
शोध के बारे में बताते हुए डॉ लॉरेन गार्डनर ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य संक्रामक रोगों के बारे में हमारी सामान्य समझ में सुधार करना है. इसके साथ ही यह भी समझना है कि यह दुनियाभर में लोगों को अलग-अलग तरह से क्यों प्रभावित करती है.
गार्डनर ने कहा कि वह कोविड-19 के प्रसार और फैलते जोखिम को समझाने के लिए नई कार्यप्रणाली विकसित करेंगे. इससे यह पता चलेगा कि जीनोमिक्स, गतिशीलता, जलवायु, भूमि जनसांख्यिकी और महामारी विज्ञान का डेटा वायरस के प्रसार को कैसे प्रभावित करते हैं.
परियोजना को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ से 1.3 मिलियन डॉलर का अनुदान मिला है. इसका नेतृत्व स्क्रिप्स रिसर्च के इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी प्रोफेसर क्रिस्टियन एंडरसन करेंगे. एंडरसन ने बताया कि समस्या यह है कि संक्रामक रोगों के विश्लेषण के लिए मौजूदा उपकरण यह नहीं समझा सकते हैं कि यह सभी कारक कैसे परस्पर जुड़े हुए हैं.
यूसीएलए के तीसरे सहयोगी और बायोस्टैटिस्टिक्स व मानव आनुवंशिकी के प्रोफेसर मार्क सुचर्ड ने कहा कि यह न केवल यह समझने में मदद करेगा कि क्या सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय काम कर रहे हैं, बल्कि यह भविष्यवाणी करने में भी मदद करेगा कि रोग अलग-अलग परिस्थितियों में कैसे फैल सकता है.
इस टीम का उद्देश्य कोविड-19 रोगियों से लिए गए जीनोमिक डेटा को टैप और मैप करना है.